भारत के अनेक पर्यटन स्थल पर निबंध its urgent answer fast i will mark him brainleast and give him 17 thanks and points
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प्रस्तावना:- हमारा देश भारत न केवल भौगोलिक दृष्टि से विशाल और विस्तृत है, बल्कि वह अपनी विभिन्न प्रकतिक सुंदरता में निराला और अदभुत है। अपनी इस सुंदरता के कारण ही भारत विशव का एक अनोखा और महान राष्ट समझा जाता है। अपनी प्रकृतिक सुंदरता के साथ-साथ भारत की भौतिक सुंदरता भी कम आकर्षक और रोचक नही है।
आकर्षक के केंद्र:- हमारा देश अपने प्रकृतिक सौंदर्य के कारण सबके आकर्षक का केंद्र रहा है। यह उत्तर में कश्मीर और दक्षिण में कन्याकुमारी तक फैला हुआ है। पूरब में मिजोरम, नागालैंड और पशिम में गुजरात तक फैला हुआ अपने सौंदर्य और छवि से सबको अपनी और आकर्षित कर रहा है। हमारे देश की छवि चारों और से अधिक से अधिक रूप में दिखाई पड़ती है। इसके उत्तर में विश्व का सबसे ऊंची श्रेणियों वाला पर्वत हिमालय स्थित है, जिसकी बर्फ की चोटियों को देखकर ऐसा लगता है की मेरे देश ने सफेद पगड़ी या मुकुट धारण कर लिया है। यहां बहने वाली गंगा, यमुना, ब्रहमपुत्र, सिंधु जैसी नदियां इस देश के गले मे पड़ी हुई मोतियों के समान शोभा को बढ़ाने वाली है। दक्षिण में हिन्द महासागर की कल्लोल करती हुई ऊँची-ऊँची तरंगे इस देश का चरण-स्पर्श करके इसके चरणों को पखारती हुई ऊँची-ऊँची तरंगे इस देश का चरण-स्पर्श करके इसके चरणों को पखारती हुई मधुर-मधुर गान किया करती हैं।
हमारे भारत देश की सभ्यता और संस्कृति इतनी विविध प्रकार की है, कि यहाँ हर प्रकार की जातियां, धर्म, रिवाज, पर्व, त्योहार, दर्शन, साहित्य, आचरण आदि सब कुछ एक दूसरे से न मिलते हुए भी एक ही दिखाई देते है। हमारे देश के पर्व त्योहार जो समय-समयपर सम्पन्न होते रहते हैं, वे वास्तव में दर्शनिय ओर आकर्षक हैं।
क्षेत्रीय विविधता:- हमारे उत्तरी क्षेत्र में दर्शनीय स्थानों की अधिकता और विशालता है। इस क्षेत्र के जो भी दर्शनीय स्थल है। वे अपनी कला और संस्कृति के लिए अत्यंत प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण है। संसार का आठवां आशचर्य आगरा का ताजमहल, सिकंदरा, फतहपुर सिकरी, मथूरा, व्रन्दावन, डिंग, भरतपुर आदि विश्व के प्रायः सभी व्यक्तियों के आकर्षण के एकमात्र केंद्र है। भगवान विश्वम्भर कैलाशपति भूतभावन शंकर की नगरी काशी का न केवल ऐतिहासिक महत्व है और न केवल धार्मिक, अपितु पौराणिक और सांस्कृतिक महत्व भी कम नहीं है। इसके पास ही में स्थित इलाहाबाद(प्रयाग) की त्रिवेणी का महत्व न केवल वेदिक और पौराणिक काल से ही है, अपितु इसके पास ही महान हिन्दू सम्राट अशोक का किला का महत्व आज भी ज्यो का ज्यों है। राणा प्रताप और राणा सांगा की जन्मभूमि पदमिनी की सुंदरता, बलिदान और त्याग की भूमि राजस्थान का उदयपुर, चितौड़, जोधपुर, माउंटआबू और जयपुर एक अनोखा और सुंदरता का महान केंद्र है।
इसी तरह से कुल्लू और कंगड की दर्शनीय छटा और कश्मीर की कुमकुम और केशर की क्यारियां हमारे आकर्षक के अलग-अलग केंद्र है। कश्मीर की विभिन्न्न फूलों की घाटियां, फल-पत्तो से ढके हुए हिम-शिखरों पर पड़ती हुई सूर्य-चन्द्रमा की किरणे हमें अपनी और बार-बार मोह लेती है। हमारे देश की शोभा कितनी अदभुत है। इसे कौंन नही जानता है। झेलम के तट पर स्थित श्रीनगर, चमकीली, डल झील की शोभा शालीमार, निशात बाग, गुलमर्ग का मैदान, पहलगाम की खूबसूरती और अमरनाथ प्रसिद्ध तीर्थ हैं। इसी तरह से देश के उत्तरी भाग की प्रकृतिक शोभा में मानसरोवर अल्मोड़ा, कौसानी, नैनीताल, मंसूरी, चंडीगढ़, अमृतसर आदि प्रसिद्ध है।
हमारे देश का पशिचमि भाग भी पर्यटकों सहित अनेक दर्शकों के मनो को एक साथ ही अपने आकर्षण में बांध लेता है। अजंता, एलोरा की गुफाएं, बम्बई के ऊँच-ऊँचे समुद्र तटीय अतलंटिकाये, शिवजी का कर्म-क्षेत्र पौंआ का वह पवित्र स्थल गोवा आदि प्रकृति के अद्भुत आकर्षक है। अहमदाबाद कला-कृति का अदभुत स्थल इसी पश क्षेत्र में है।द्वारिकापुरी का पौराणिक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व साँची के स्तूप ,विदिशा,खजुराहो, उज्जैन, पचमढ़ी,ग्वालियर जबलपुर ऐसे नगर,परिक्षेत्र है जो न केवल अपनी संस्क्रति ,कलाकृतियों ओर रचना की दृष्टि के महत्वपूर्ण है।अपितु अपने इतिहास और कार्य व्यापार के लिए प्रसिद्ध है।
उत्तरी -पशिमी क्षेत्र की तरह भारत का पूर्वी भाग भी कम आकर्षक का केंद्र नही है। असाम, बंगाल, बिहार आदि राज्य इस पूर्वी भाग के अंतर्गत आते है। आसाम के चाय के बाग ओर मैदान, घटिया, मणिपुर के विशाल आकर्षक पश्चिमी प्रकृतिक छटा, बिहार और उड़ीसा के विस्तृत कृषि क्षेत्र आदि पर्यटन के विशेष केंद्र है। भगवान बुद्ध और महावीर, राम-कृष्ण, रामकृष्ण परमहंस, विवेकानन्द, रवींद्रनाथ टैगोर, जगनाथपुरी का मंदिर, कोर्णाक का मंदिर, पटना के इतिहास, गया का गया-महल्या आदि प्राचीन काल से ही अपनी महानता का परिचय दे रहे हैं।
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