Social Sciences, asked by kumarjay3676, 2 months ago

भारत के अधिकांश जनता अभी भी ऋण के लिए औपचारिक स्त्रोतो पर ही क्यों निर्भर है?​

Answers

Answered by Anonymous
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Answer:

(i) अनौपचारिक स्रोतों पर निर्भरता को कम करने के लिए क्योंकि इनमे में उच्च ब्याज दर होती है और कर्ज़दार को ज्यादा लाभ नहीं मिलता है। (ii) सस्ता और सामर्थ्य के अनुकूल कर्ज़ देश के विकास के लिए अति आवश्यक है।

Answered by kirtisingh01
3

Answer:

जागरूकता और शिक्षा की कमी एक बड़े कारण है जिनके कारण से आज भी भारत की अधिकांश जनता अनौपचारिक स्त्रोतो पे निर्भर है ऋण के लिए |

Explanation:

ऋण:

जब कोई व्यक्ति या अधिक व्यक्ति धन की कमी होने के कारण या पर्याप्त मात्रा में धन न होने से अपने खेती, व्यवसाय या किसी अन्य कार्य को करने में असुविधाओं का सामना करते है तब वे किसी दूसरे व्यक्ति या ऋण देने वाली संस्थाओं जैसे बैंक इत्यादि से जरुरत पर्याप्त धन उधार लेते है जिसको की उन्हें ब्याज सहित एक निश्चित अवधि के बाद उसी व्यक्ति या संस्था को लौटाना रहता है |

  • औपचारिक ऋण: औपचारिक संस्थाओं जैसे बैंक, ऋण एजेंसियां, आदि से सरकार द्वारा उल्लिखित कानून और नियमों और शर्तों के आधार पर ऋण लेते है तब उसे औपचरिक ऋण कहते है |
  • अनौपचारिक ऋण: एक अनौपचारिक ऋण एक ऐसा ऋण है जिसमें सभी औपचारिक ऋणों की विपरीत विशेषताएं होती हैं। यानी ऐसा कर्ज जो कानून द्वारा प्रमाणित न हो और मनमानी शर्तों पर दिया जाए |

भारत में शिक्षा, जागरूकता और संस्थाओं द्वारा ऋण देने की जटिल प्रक्रिया के कारण आज भी जायदातर जनता अनौपचारिक लोन लेती है जो की आसानी से किन्ही पैसे वाले व्यक्तियो दवारा दिया जिसके ऐवज वे अधिक ब्याज की रकम ऋणदाता पे थोपते है और उनका शोषण करते है | अनौपचारिक ऋण लेने वाले अधिकांश लोग मूल रूप से कृषि परिवारों से हैं और कुछ भाग ऐसे लोग हैं जो दिहाड़ी पर काम कर रहे हैं क्योंकि वे उतने शिक्षितकि वे औपचारिक ऋण की प्रक्रिया को समझ सकेऔर वे अनौपचारिक ऋण के अपने जीवन पर बुरे परिणामों के बारे में समझ सके |

अधिक जानकारी के लिए देखें:

https://brainly.in/question/15541602

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