भारत की भाषा नीति पर नीचे तीन प्रतिक्रियाएँ दी गई हैं। इनमें से आप जिसे ठीक समझते हैं उसके पक्ष में तर्क और उदाहरण हैं। संगीता : प्रमुख भाषाओं को समाहित करने की नीति ने राष्ट्रीय एकता को मजबूत किया है। अरमान : भाषा के आधार पर राज्यों के गठन ने हमें बाँट दिया है। हम इसी कारण अपनी भाषा के प्रति सचेत हो गए हैं। हरीश : इस नीति ने अन्य भाषाओं के ऊपर अँगरेजी के प्रभुत्व को मजबूत करने भर का काम किया है।
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उत्तर :
भारत की भाषा नीति पर तीन प्रतिक्रियाएँ दी गई हैं। इनमें से हमें लगता है कि संगीता द्वारा दी गई प्रतिक्रिया सबसे ठीक है ।
संगीता : प्रमुख भाषाओं को समाहित करने की नीति ने राष्ट्रीय एकता को मजबूत किया है।
क्योंकि भारत के संदर्भ में संधि अथवा सभी के साथ मिलजुल कर रहने की नीति ने राष्ट्रीय एकता को सुदृढ़ किया है ।
असल में भारत एक बहुभाषायी समाज है जिसमें केवल 22 भाषाएं तो संविधान में ही दी गई है। 1947 के बाद राज्यों के पुनर्गठन की आवश्यकता को महसूस किया गया तथा सभी पक्षों को ध्यान में रखकर सरकार ने भारत के राज्यों को भाषायी आधार पर पुनर्गठित किया।
जैसे कि आंध्र प्रदेश ,महाराष्ट्र ,गुजरात ,तमिलनाडु , पंजाब-हरियाणा इत्यादि। इन्हें इस आधार पर निर्मित न किया गया होता तो स्थानीय भाषायी समूह केंद्र सरकार के विरुध्द खड़े हो गए होते तथा यह राष्ट्रीय एकता के लिए खतरनाक होता। इसलिए भारत द्वारा अपनाई गई भाषायी नीति ने देश की एकता को सुदृढ़ किया है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।
Explanation:
Bharat mein kisi ek Bhasha Ko rashtrabhasha ka darja Na dekar Hindi aur Anya kis Bhasha ko anusuchit Bhasha ka darja Diya Gaya angreji ko Rajkiya bhasha ke roop mein Manyata de gayi Vishesh Karen 11 Hindi bhashi pradeshon ko dekhte hue sabhi rajyon ki mukhya Bhasha ka Vishesh khyal Rakha Gaya