Political Science, asked by maahira17, 9 months ago

भारत की चुनाव-प्रणाली का लक्ष्य समाज के कमजोर तबके की नुमाइंदगी को सुनिश्चित करना है। लेकिन हमारी विधायिका में महिला सदस्यों की संख्या केवल 12 प्रतिशत तक पहुँची है। इस स्थिति में सुधार के लिए आप क्या उपाय सुझायेंगे?

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Answered by nikitasingh79
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Answer with Explanation:

भारत की चुनाव-प्रणाली का लक्ष्य समाज के कमजोर तबके की नुमाइंदगी को सुनिश्चित करना है। लेकिन हमारी विधायिका में महिला सदस्यों की संख्या केवल 12 प्रतिशत तक पहुँची है।

इस स्थिति में सुधार के लिए हम निम्न उपाय सुझायेंगे‌ :  

  • विधान पालिकाओं में महिला सदस्यों के लिए 1/3 सीटें आरक्षित करनी चाहिए।
  • राजनीति में आगे लाने के लिए महिलाओं को उत्साहित करना चाहिए।
  • अधिक से अधिक महिलाओं को शिक्षित किया जाना चाहिए।
  • महिलाओं के साथ परिवार में समानता का व्यवहार होना चाहिए। परिवार में लड़के और लड़कियों में भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए । भ्रूण हत्या बिल्कुल समाप्त होने चाहिए।  

आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।

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पृथक निर्वाचन-मंडल और आरक्षित चुनाव क्षेत्र के बीच क्या अंतर है? सवधान निर्माताओं ने पृथक निर्वाचन-मंडल को क्यों स्वीकार नहीं किया?

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निम्नलिखित में कौन-सा कथन गलत है? इसकी पहचान करें और किसी एक शब्द अथवा पद को बदलकर, जोड़कर अथवा नये क्रम में सजाकर इसे सही करें।

(क) एक फर्स्ट-पास्ट-द-पोस्ट (सर्वाधिक मत से जीत वाली) प्रणाली का पालन भारत के हर चुनाव में होता है।

(ख) चुनाव आयोग पंचायत और नगरपालिका के चुनावों का पर्यवेक्षण नहीं करता।

(ग) भारत का राष्ट्रपति किसी चुनाव आयुक्त को नहीं हटा सकता।

(घ) चुनाव आयोग में एक से ज्यादा चुनाव आयुक्त की नियुक्ति अनिवार्य है।

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