Hindi, asked by gargtejas705, 1 month ago

भारत की खोज पाठ के आधार पर अहमदनगर का किला पाठ का सारांश लिखिए एवं सचित्र bataiye ​

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Answered by shivanikumari2009
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Answer:

भारत की खोज (अंग्रेज़ी: Discovery of India) की रचना 1944 में अप्रैल-सितंबर के बीच अहमदनगर की जेल में जवाहरलाल नेहरू द्वारा की गई थी। इस पुस्‍तक को नेहरू जी ने अंग्रज़ी में लिखा और बाद में इसे हिंदी और अन्‍य बहुत सारे भाषाओं में अनुवाद किया गया है। भारत की खोज पुस्‍तक को क्‍लासिक का दर्जा हासिल है। नेहरू जी ने इसे स्‍वतंत्रता आंदोलन के दौर में 1944 में अहमदनगर के किले में अपने पाँच महीने के कारावास के दिनों में लिखा था। यह 1946 में पुस्‍तक के रूप में प्रकाशित हुई।

Answered by shubham7395
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Answer:

नेहरू जी को बागवानी का बहुत शौक था। उन्हें ब्रिटिश सरकार द्वारा जिन जेलों में रखा गया, वहाँ उन्होंने इस शौक को पूरा किया। अहमदनगर किले में भी उन्होंने बागवानी शुरू कर ठ्ठद्ध। यहाँ की मिट्टी पथरीली तथा पुराने मलबों और अवशेषों से भरी थी, फिर भी नेहरू जी बागवानी के लिए परिश्रम करते रहते थे। उन्होंने ऐसा करते हुए वहाँ की मिट्टी को फूल उगाने लायक बना दिया।

नेहरू जी लिखते हैं कि अहमदनगर का इतिहास कोई बहुत पुराना नहीं है, न ही इसकी कोई विशेष अहमियत है। इस किले से जुड़ी चाँद बीबी नामक साहसी महिला की कहानी प्रसिद्ध/ है। इस महिला ने अकबर की शाही सेना के विरुद्ध/ अपनी सेना का नेतृत्व किया था पर उसकी हत्या उसके अपने ही आदमी ने कर दी।

जेल में बागवानी के लिए खुदाई करते समय नेहरू जी को ज़मीन की सतह के का.फी नीचे पुरानी दीवारों के हिस्से, गुंबद और इमारतों के ऊपरी हिस्से मिले। जेल के अधिकारी आगे बढऩे की अनुमति नहीं देते थे, इसलिए उन्होंने कुदाल छोड़कर कलम उठा ली। उन्होंने देश के आज़ाद होने तक लिखते रहने का निश्चय किया। इसके लिए कर्म का अनुभव जरुरी था। वे पैगंबर बनकर भविष्य के बारे में लिखने में असमर्थ थे। अतीत के बारे में वे किसी इतिहासकार या विद्वान की भाँति लिखने में सक्षम न थे। वे केवल वर्तमान विचारों और क्रियाकलापों के साथ संबंध स्थापित करके ही उसके बारे में कुछ लिख सकते थे। गेटे के अनुसार -"ऐसा इतिहास-लेखन अतीत के भारी बोझ से किसी सीमा तक राहत दिलाता है।"

♦ अतीत का दबाव

मस्तिष्क पर अतीत का दबाव- मनुष्य के मस्तिष्क पर सभ्यता और संस्कृति की जो छाप रहती है, उसका दबाव उसे अच्छे और बुरे दोनों रूपों में प्रभावित करता है। जो लोग अपनी प्राचीन सभ्यताओं से जुड़े हैं, जब उनकी सभ्यता विकृत होती है, तो वे जल्दी ही विचलित हो उठते हैं।

क्या है विरासत? - नेहरू जी सोचा करते थे कि आखिर उनकी विरासत क्या है? वे किन बातों के उत्तरधिकारी हैं? मानवता ने जिसे हज्जारों सालों में हासिल किया उसकी विजय का उल्लास, पराजय की दुखद यंत्रणा, मानव के हैरत अंगेज़ साहसिक कार्य, जो सभी को आकर्षित करते है, इन सबके वे वारिस हैं। इसके साथ ही उन सभी के भी जिनमें पूरी मानवता की साझेदारी है। भारतीयों की विरासत में एक खास बात है जो हमारे रक्त, मांस और अस्थियों में समाई है, जिससे हमारा वर्तमान रूप बना है।

इसी विशिष्ट विरासत का विचार, जो लंबे समय से उनके मन में घर किए हुए है, वे उसी पर लिखना चाहते थे। विषय की कठिनता और जटिलता से उन्हें भय लगता था कि वे इसकी सतह की स्पर्श कर पाएँगे या नहीं।

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