भारत के प्रथम राष्ट्रपति से लेकर वर्तमान राष्ट्रपति तक के नाम एवं कार्य विधि लिखिए
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Answer:
Dr Rajendra Prasad (1884-1963) January 26, 1950 - May 13, 1962
Dr Sarvepalli Radhakrishnan (1888-1975) May 13, 1962 - May 13, 1967
Dr Zakir Hussain (1897-1969) May 13, 1967 - May 03, 1969
Varahagiri Venkatagiri (1884-1980) (Acting) May 03, 1969 - July 20, 1969
Justice Mohammad Hidayatullah (1905-1992) (Acting) July 20, 1969 - August 24, 1969
Varahagiri Venkatagiri (1884-1980) August 24, 1969 - August 24, 1974
Fakhruddin Ali Ahmed (1905-1977) August 24, 1974 - February 11, 1977
B.D. Jatti (1913-2002) (Acting) February 11, 1977 - July 25, 1977
Neelam Sanjiva Reddy (1913-1996) July 25, 1977 - July 25, 1982
Giani Zail Singh (1916-1994) July 25, 1982 - July 25, 1987
R. Venkataraman (1910-2009) July 25, 1987 - July 25, 1992
Dr Shankar Dayal Sharma (1918-1999) July 25, 1992 - July 25, 1997
K.R. Narayanan (1920-2005) July 25, 1997 - July 25, 2002
Dr. A.P.J. Abdul Kalam (1931-2015) July 25, 2002 - July 25, 2007
Smt. Pratibha Devisingh Patil (Birth-1934) July 25, 2007 - July 25, 2012
Shri Pranab Mukherjee (Birth-1935) July 25, 2012 - July 25, 2017
Shri Ram Nath Kovind (Birth-1945) July 25, 2017 - Incumbent
राष्ट्रपति के पास किसी अपराध के लिए दोषी ठहराए गए किसी व्यक्ति के दंड को क्षमा, निलंबन, लघुकरण और परिहार की शक्ति है। मृत्युदंड पाए अपराधी की सजा पर भी फैसला लेने का उसको अधिकार है।
मंत्रिपरिषद
अनुच्छेद 74 : राष्ट्रपति को सहायता और सलाह देने के लिए एक मंत्रिपरिषद होगी। इसका प्रधान प्रधानमंत्री होगा। राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद की सलाह के अनुसार काम करेगा।
अनुच्छेद 75 : प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति करेगा। अन्य मंत्रियों की नियुक्ति प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी।
सरकारी कार्य का संचालन
अनुच्छेद 77 : भारत सरकार की समस्त कार्यपालिका कार्यवाही राष्ट्रपति के नाम से की जाएगी।
अनुच्छेद 78 : प्रधानमंत्री का कर्तव्य होगा कि संघ के प्रशासन संबंधी मंत्रिपरिषद के निर्णयों से राष्ट्रपति को सूचित करेगा।
संसद का गठन
अनुच्छेद 79 : संघ के लिए एक संसद होगी जो राष्ट्रपति और दो सदनों से मिलकर बनेगी।
अनुच्छेद 80 : साहित्य, विज्ञान, कला और समाज सेवा में विशेष ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव रखने वाले 12 व्यक्तियों को राष्ट्रपति, राज्यसभा के लिए नामांकित कर सकता है।
संसद के सत्र, सत्रावसान और विघटन
अनुच्छेद 85 : राष्ट्रपति समय-समय पर, संसद के प्रत्येक सदन को ऐसे समय और स्थान पर, जो वह ठीक समझे, अधिवेशन के लिए आहूत करेगा।
-सदनों या किसी सदन का सत्रावसान कर सकेगा
-लोकसभा का विघटन कर सकेगा
भाषण का अधिकार (अनुच्छेद 86)
वह संसद के किसी एक सदन में या एक साथ दोनों सदनों में भाषण दे सकेगा।
विशेष भाषण (अनुच्छेद 87)
वह प्रत्येक लोकसभा चुनाव के बाद प्रथम सत्र और प्रत्येक वर्ष के प्रथम सत्र के आरंभ में संसद के दोनों सदनों में भाषण करेगा।
आपातकाल
अनुच्छेद 352 : युद्ध या बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में आपातकाल की घोषणा कर सकता है।
अनुच्छेद 356 : राष्ट्रपति द्वारा किसी राज्य के सांविधानिक तंत्र के विफल होने की दशा में राज्यपाल की रिपोर्ट के आधार पर वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।
अनुच्छेद 360 : भारत या उसके राज्य क्षेत्र के किसी भाग में वित्तीय संकट की दशा में वित्तीय आपात की घोषणा का अधिकार राष्ट्रपति को है।
विवेकाधार
राष्ट्रपति कई महत्वपूर्ण शक्तियों का निर्वहन करता है जो अनुच्छेद 74 के अधीन करने के लिए वह बाध्य नहीं है। वह संसद के दोनों सदनों द्वारा पास किए गए बिल को अपनी सहमति देने से पहले 'रोक' सकता है। विगत में इस तरह के दो ऐसे महत्वपूर्ण मसले रहे हैं। वह किसी बिल (धन विधेयक को छोड़कर) को विचार के लिए सदन के पास दोबारा भेज सकता है।
अनुच्छेद 75 के मुताबिक, 'प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी।' स्पष्ट रूप से यह भी मंत्रिपरिषद की सलाह के बिना ही किया जाएगा। चुनाव में किसी भी दल या गठबंधन को जब स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता है तो राष्ट्रपति अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए ही सरकार बनाने के लिए लोगों को आमंत्रित करता है। ऐसे मौकों पर उसकी भूमिका निर्णायक होती है।
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Explanation:
Dr Rajendra Prasad (1884-1963) January 26, 1950 - May 13, 1962
Dr Sarvepalli Radhakrishnan (1888-1975) May 13, 1962 - May 13, 1967
Dr Zakir Hussain (1897-1969) May 13, 1967 - May 03, 1969
Varahagiri Venkatagiri (1884-1980) (Acting) May 03, 1969 - July 20, 1969
Justice Mohammad Hidayatullah (1905-1992) (Acting) July 20, 1969 - August 24, 1969
Varahagiri Venkatagiri (1884-1980) August 24, 1969 - August 24, 1974
Fakhruddin Ali Ahmed (1905-1977) August 24, 1974 - February 11, 1977
B.D. Jatti (1913-2002) (Acting) February 11, 1977 - July 25, 1977
Neelam Sanjiva Reddy (1913-1996) July 25, 1977 - July 25, 1982
Giani Zail Singh (1916-1994) July 25, 1982 - July 25, 1987
R. Venkataraman (1910-2009) July 25, 1987 - July 25, 1992
Dr Shankar Dayal Sharma (1918-1999) July 25, 1992 - July 25, 1997
K.R. Narayanan (1920-2005) July 25, 1997 - July 25, 2002
Dr. A.P.J. Abdul Kalam (1931-2015) July 25, 2002 - July 25, 2007
Smt. Pratibha Devisingh Patil (Birth-1934) July 25, 2007 - July 25, 2012
Shri Pranab Mukherjee (Birth-1935) July 25, 2012 - July 25, 2017
Shri Ram Nath Kovind (Birth-1945) July 25, 2017 - Incumbent
राष्ट्रपति के पास किसी अपराध के लिए दोषी ठहराए गए किसी व्यक्ति के दंड को क्षमा, निलंबन, लघुकरण और परिहार की शक्ति है। मृत्युदंड पाए अपराधी की सजा पर भी फैसला लेने का उसको अधिकार है।
मंत्रिपरिषद
अनुच्छेद 74 : राष्ट्रपति को सहायता और सलाह देने के लिए एक मंत्रिपरिषद होगी। इसका प्रधान प्रधानमंत्री होगा। राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद की सलाह के अनुसार काम करेगा।
अनुच्छेद 75 : प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति करेगा। अन्य मंत्रियों की नियुक्ति प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी।
सरकारी कार्य का संचालन
अनुच्छेद 77 : भारत सरकार की समस्त कार्यपालिका कार्यवाही राष्ट्रपति के नाम से की जाएगी।
अनुच्छेद 78 : प्रधानमंत्री का कर्तव्य होगा कि संघ के प्रशासन संबंधी मंत्रिपरिषद के निर्णयों से राष्ट्रपति को सूचित करेगा।
संसद का गठन
अनुच्छेद 79 : संघ के लिए एक संसद होगी जो राष्ट्रपति और दो सदनों से मिलकर बनेगी।
अनुच्छेद 80 : साहित्य, विज्ञान, कला और समाज सेवा में विशेष ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव रखने वाले 12 व्यक्तियों को राष्ट्रपति, राज्यसभा के लिए नामांकित कर सकता है।
संसद के सत्र, सत्रावसान और विघटन
अनुच्छेद 85 : राष्ट्रपति समय-समय पर, संसद के प्रत्येक सदन को ऐसे समय और स्थान पर, जो वह ठीक समझे, अधिवेशन के लिए आहूत करेगा।
-सदनों या किसी सदन का सत्रावसान कर सकेगा
-लोकसभा का विघटन कर सकेगा
भाषण का अधिकार (अनुच्छेद 86)
वह संसद के किसी एक सदन में या एक साथ दोनों सदनों में भाषण दे सकेगा।
विशेष भाषण (अनुच्छेद 87)
वह प्रत्येक लोकसभा चुनाव के बाद प्रथम सत्र और प्रत्येक वर्ष के प्रथम सत्र के आरंभ में संसद के दोनों सदनों में भाषण करेगा।
आपातकाल
अनुच्छेद 352 : युद्ध या बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में आपातकाल की घोषणा कर सकता है।
अनुच्छेद 356 : राष्ट्रपति द्वारा किसी राज्य के सांविधानिक तंत्र के विफल होने की दशा में राज्यपाल की रिपोर्ट के आधार पर वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।
अनुच्छेद 360 : भारत या उसके राज्य क्षेत्र के किसी भाग में वित्तीय संकट की दशा में वित्तीय आपात की घोषणा का अधिकार राष्ट्रपति को है।
विवेकाधार
राष्ट्रपति कई महत्वपूर्ण शक्तियों का निर्वहन करता है जो अनुच्छेद 74 के अधीन करने के लिए वह बाध्य नहीं है। वह संसद के दोनों सदनों द्वारा पास किए गए बिल को अपनी सहमति देने से पहले 'रोक' सकता है। विगत में इस तरह के दो ऐसे महत्वपूर्ण मसले रहे हैं। वह किसी बिल (धन विधेयक को छोड़कर) को विचार के लिए सदन के पास दोबारा भेज सकता है।
अनुच्छेद 75 के मुताबिक, 'प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी।' स्पष्ट रूप से यह भी मंत्रिपरिषद की सलाह के बिना ही किया जाएगा। चुनाव में किसी भी दल या गठबंधन को जब स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता है तो राष्ट्रपति अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए ही सरकार बनाने के लिए लोगों को आमंत्रित करता है। ऐसे मौकों पर उसकी भूमिका निर्णायक होती है।