History, asked by parimaloraon951, 5 months ago

भारत के सामंतीय व्यवस्था का चित्र बनाकर वर्णन कीजिए। चित्र में सामंतीय व्यवस्था का
पिरामीड आकार क्यों आवश्यक है, इसकी दो या तीन लाइनों में व्याख्या कीजिए।​

Answers

Answered by 57pranavdmandre
0

Answer:

सामंत व्यवस्था का अर्थ

सामंतवाद को अंग्रेजी में फ्यूड्रल सिस्टम कहते हैं। फ्यूडल सिस्टम फ्यूड से बना है, जिसका अर्थ है, भूमि का ऐसा कुछ भाग जो सेवा करने की कुछ शर्तों पर उसका स्वामी किसी सामंत को खेती के लिये देता था, और इस समाज में खेती ही शक्ति का एकमात्र स्त्रोत थी। कुल मिलाकर, यह भूस्वामित्व एवं व्यक्तित्व संबंधों पर आधारित एक सामाजिक पद्धति होती थी, जिसमें परस्पर अधिकारों तथा कर्त्तव्यों का निर्धारण होता था।

सामंत व्यवस्था गुप्तोत्तर काल को प्राचीन भारत के अन्य कालों से अलग करती है। सामंत का मूल अर्थ पङोसी होता है, तथा इसका प्रयोग मौर्य काल में पङोसी शासकों के लिये कौटिल्य के अर्थशास्र तथा अशोक के अभिलेख में प्रयोग किया गया है। गुप्त काल के पहले इस शब्द का प्रयोग नीतिकारों द्वारा पङोस की भूमि संपत्ति के लिये किया जाता था। समुद्रगुप्त के इलाहाबाद प्रशस्ति में वर्णित सीमावर्ती राजा (प्रत्यंतनिर्पति) भी सामंत के मूल अर्थ में आते हैं। गुप्त काल के समाप्त होते-2 तथा निश्चित रूप से 6वी. शता. तक इसका एक नया अर्थ सामने आया।अब सामंत का अर्थ एक पराजित पर पुनर्स्थापित भेंट देने वाला राजा हो गया, जो राज्य की सीमाओं के अंदर था।

Explanation:

HOPE THIS HELPS YOU BETTER

PLZ MARK ME AS BRAINLIEST

Similar questions