'भारत की संपर्क भाषा हिंदी
है', इस कथन पर विचार करते
हुए अपना मत प्रस्तुत करो।
(8-10lines)
Answers
आज हिंदी को बहुत से लोग राष्ट्रभाषा के रूप में देखते हैं । कुछ इसे राजभाषा के रूप में प्रतिष्ठित देखना चाहते हैं । जबकि कुछ का मानना है कि हिंदी संपर्क भाषा के रूप में विकसित हो रही है । आइए हम हिंदी के इन विभिन्न रूपों को विधिवत समझ लें, ताकि हमारे मन-मस्तिष्क में स्पष्टता आ जाए ।
आज हिंदी को बहुत से लोग राष्ट्रभाषा के रूप में देखते हैं । कुछ इसे राजभाषा के रूप में प्रतिष्ठित देखना चाहते हैं । जबकि कुछ का मानना है कि हिंदी संपर्क भाषा के रूप में विकसित हो रही है । आइए हम हिंदी के इन विभिन्न रूपों को विधिवत समझ लें, ताकि हमारे मन-मस्तिष्क में स्पष्टता आ जाए ।राष्ट्रभाषा से अभिप्राय: है किसी राष्ट्र की सर्वमान्य भाषा । क्या हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा है ? यद्यपि हिंदी का व्यवहार संपूर्ण भारतवर्ष में होता है,लेकिन हिंदी भाषा को भारतीय संविधान में राष्ट्रभाषा नहीं कहा गया है । चूँकि भारतवर्ष सांस्कृतिक, भौगोलिक और भाषाई दृष्टि से विविधताओं का देश है । इस राष्ट्र में किसी एक भाषा का बहुमत से सर्वमान्य होना निश्चित नहीं है । इसलिए भारतीय संविधान में देश की चुनिंदा भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में रखा है । शुरु में इनकी संख्या 16 थी , जो आज बढ़ कर 22 हो गई हैं । ये सब भाषाएँ भारत की अधिकृत भाषाएँ हैं, जिनमें भारत देश की सरकारों का काम होता है । भारतीय मुद्रा नोट पर 16 भाषाओं में नोट का मूल्य अंकित रहता है और भारत सरकार इन सभी भाषाओं के विकास के लिए संविधान अनुसार प्रतिबद्ध है ।
आज हिंदी को बहुत से लोग राष्ट्रभाषा के रूप में देखते हैं । कुछ इसे राजभाषा के रूप में प्रतिष्ठित देखना चाहते हैं । जबकि कुछ का मानना है कि हिंदी संपर्क भाषा के रूप में विकसित हो रही है । आइए हम हिंदी के इन विभिन्न रूपों को विधिवत समझ लें, ताकि हमारे मन-मस्तिष्क में स्पष्टता आ जाए ।राष्ट्रभाषा से अभिप्राय: है किसी राष्ट्र की सर्वमान्य भाषा । क्या हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा है ? यद्यपि हिंदी का व्यवहार संपूर्ण भारतवर्ष में होता है,लेकिन हिंदी भाषा को भारतीय संविधान में राष्ट्रभाषा नहीं कहा गया है । चूँकि भारतवर्ष सांस्कृतिक, भौगोलिक और भाषाई दृष्टि से विविधताओं का देश है । इस राष्ट्र में किसी एक भाषा का बहुमत से सर्वमान्य होना निश्चित नहीं है । इसलिए भारतीय संविधान में देश की चुनिंदा भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में रखा है । शुरु में इनकी संख्या 16 थी , जो आज बढ़ कर 22 हो गई हैं । ये सब भाषाएँ भारत की अधिकृत भाषाएँ हैं, जिनमें भारत देश की सरकारों का काम होता है । भारतीय मुद्रा नोट पर 16 भाषाओं में नोट का मूल्य अंकित रहता है और भारत सरकार इन सभी भाषाओं के विकास के लिए संविधान अनुसार प्रतिबद्ध है ।राजभाषा शब्द अंग्रेजी के official language के लिए व्यवह्रत होता है । भारतीय संविधान में इसे परिभाषित किया गया है । अनुच्छेद 343 के अनुसार भारतीय संघ की राजभाषा देवनागरी लिपि में लिखी जाने वाली हिंदी होगी और अंकों का स्वरूप भारतीय अंकों का अंतरराष्टीय स्वरूप होगा । ध्यान रहे देवनागरी अन्य भारतीय भाषाओं यथा मराठी,नेपाली आदि की भी लिपि है । इस प्रकार केंद्र सरकार के कार्यालयों,उपक्रमों, निकायों व संस्थाओं की कार्यालयी भाषा हिंदी है । जो राजभाषा के रूप में परिभाषित है ।
आज हिंदी को बहुत से लोग राष्ट्रभाषा के रूप में देखते हैं । कुछ इसे राजभाषा के रूप में प्रतिष्ठित देखना चाहते हैं । जबकि कुछ का मानना है कि हिंदी संपर्क भाषा के रूप में विकसित हो रही है । आइए हम हिंदी के इन विभिन्न रूपों को विधिवत समझ लें, ताकि हमारे मन-मस्तिष्क में स्पष्टता आ जाए ।राष्ट्रभाषा से अभिप्राय: है किसी राष्ट्र की सर्वमान्य भाषा । क्या हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा है ? यद्यपि हिंदी का व्यवहार संपूर्ण भारतवर्ष में होता है,लेकिन हिंदी भाषा को भारतीय संविधान में राष्ट्रभाषा नहीं कहा गया है । चूँकि भारतवर्ष सांस्कृतिक, भौगोलिक और भाषाई दृष्टि से विविधताओं का देश है । इस राष्ट्र में किसी एक भाषा का बहुमत से सर्वमान्य होना निश्चित नहीं है । इसलिए भारतीय संविधान में देश की चुनिंदा भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में रखा है । शुरु में इनकी संख्या 16 थी , जो आज बढ़ कर 22 हो गई हैं । ये सब भाषाएँ भारत की अधिकृत भाषाएँ हैं, जिनमें भारत देश की सरकारों का काम होता है । भारतीय मुद्रा नोट पर 16 भाषाओं में नोट का मूल्य अंकित रहता है और भारत सरकार इन सभी भाषाओं के विकास के लिए संविधान अनुसार प्रतिबद्ध है ।राजभाषा शब्द अंग्रेजी के official language के लिए व्यवह्रत होता है । भारतीय संविधान में इसे परिभाषित किया गया है । अनुच्छेद 343 के अनुसार भारतीय संघ की राजभाषा देवनागरी लिपि में लिखी जाने वाली हिंदी होगी और अंकों का स्वरूप भारतीय अंकों का अंतरराष्टीय स्वरूप होगा । ध्यान रहे देवनागरी अन्य भारतीय भाषाओं यथा मराठी,नेपाली आदि की भी लिपि है । इस प्रकार केंद्र सरकार के कार्यालयों,उपक्रमों, निकायों व संस्थाओं की कार्यालयी भाषा हिंदी है । जो राजभाषा के रूप में परिभाषित है ।कुछ लोग हिंदी को संपर्क भाषा के रूप में मानते हैं । संपर्क भाषा से अभिप्राय: है लोगों के आपसी संपर्क की भाषा । यह संपर्क जरूरी नहीं कि हिंदी-हिंदी भाषियों के बीच ही हो, बल्कि भारत देश के किसी भी प्रदेश में निवास करने वाले व्यक्ति के साथ संपर्क करने पर उससे संवाद की भाषा के रूप में व्यवह्रत होने वाली भाषा से है । इस रूप में हिंदी धीरे-धीरे जगह बना रही है । इस नाते हिंदी देश को जोड़ने का काम करती है । लेकिन यह निर्विवाद नहीं है । यद्यपि हिंदी संपूर्ण भारत राष्ट्र में बोली जाती है ।
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