भारत की संस्कृति बहुत प्राचीन है। यह त्याग और तपस्या की भूमि है। यहाँ त्यागी-तपस्वी ऋषि और मुनि हुए हैं।
उन्होंने अपने जीवन को संयम और तप से सँवारा। लोग उनके जीवन से बहुत प्रभावित हुए। धीरे-धीरे उनके
अनुयायियों की संख्या बढ़ने लगी। परिणाम यह हुआ कि ऋषि-मुनियों ने जिन आदर्शों की स्थापना की, वे हमारी
संस्कृति के अंग बन गए। हम भोग की बजाय त्याग को महत्त्व देने लगे। इससे हमारे जीवन में सादगी आई, सच्चाई
आई। आज पूरी दुनिया 'खाओ, पियो और मौज करो' की नीति पर चलकर प्रदूषण और विनाश को निमंत्रण दे रही है.
वहीं भारत त्याग, बचत और कल्याण के मार्ग पर चल रहा है। तभी हमारे देश में महात्मा गाँधी जैसे महान नेता हुए।
उन्होंने अहिंसा और त्याग के बल पर अंग्रेज़ों को भारत से खदेड़ दिया।
(क) त्याग से आप क्या समझते हैं?
(ख) भारत में त्याग को महत्त्व क्यों दिया जाने लगा?
(ग) संसार के अन्य देश किस नीति पर चल रहे हैं?
(घ) भोग की नीति क्या कहती है?
(ङ) अंग्रेज़ों को भारत से किसने भगाया?
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