भारत के संविधान के उद्देश्य कार वर्णित किन्हीं पांच मूल्यों का उल्लेख कर अर्थ स्पष्ट करें
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ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै / रैदास
रैदास »
ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै ।
गरीब निवाजु गुसाईआ मेरा माथै छत्रु धरै ॥
जाकी छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै ।
नीचउ ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै ॥
नामदेव कबीरू तिलोचनु सधना सैनु तरै ।
कहि रविदासु सुनहु रे संतहु हरिजीउ ते सभै सरै ॥
व्याख्यान :
हे प्रभु ! तुम्हारे बिना कौन ऐसा कृपालु है जो भक्त के लिए इतना बडा कार्य कर सकता है । तुम गरीब तथा दिन – दुखियों पर दया करने वाले हो । तुम ही ऐसा कृपालु स्वामी हो जो मुझ जैसे अछूत और नीच के माथे पर राजाओं जैसा छत्र रख दिया । तुम मुझे राजाओं जैसा सम्मान प्रदान कर दिया । मैं अभाग हूँ । मुझ पर तुम्हारी कृपा असीम है । तुम मुझ पर द्रवित हो गए । हे स्वामी तुमने मुझ जैसे नीच प्राणी को इतना उच्च सम्मान प्रदान किया । तुम्हारी दया से नामदेव , कबीर जैसे जुलाहे , त्रिलोचन जैसे सामान्य , सधना जैसे कसाई और सैन जैसे नाई संसार से तर गए । उन्हें ज्ञान प्राप्त हो गया । रैदास कह्ते हैं – हे संतों , सुनो ! हरि जी सब कुछ करने में समर्थ हैं । वे कुछ भी सकते हैं ।
Answer:
संविधान, मूल सिद्धान्तों या स्थापित नज़ीरों का एक समुच्चय है, जिससे कोई राज्य या अन्य संगठन अभिशासित होते हैं।[1]
वह किसी संस्था को प्रचालित करने के लिये बनाया हुआ संहिता (दस्तावेज) है। यह प्रायः लिखित रूप में होता है। यह वह विधि है जो किसी राष्ट्र के शासन का आधार है; उसके चरित्र, संगठन, को निर्धारित करती है तथा उसके प्रयोग विधि को बताती है, यह राष्ट्र की परम विधि है तथा विशेष वैधानिक स्थिति का उपभोग करती है सभी प्रचलित कानूनों को अनिवार्य रूप से संविधान की भावना के अनुरूप होना चाहिए यदि वे इसका उल्लंघन करेंगे तो वे असंवैधानिक घोषित कर दिए जाते है।
भारत का संविधान विश्व के किसी भी सम्प्रभु देश का सबसे लम्बा लिखित संविधान है,[2] जिसमें, उसके अंग्रेज़ी-भाषी संस्करण में[3] 146,385 शब्दों के साथ, 25 भागों( 22+4A,9A,14A) में 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियाँ और 104(1951 to 2019) संशोधन हैं, जबकि मोनाको का संविधान सबसे छोटा लिखित संविधान है, जिसमें 97 अनुच्छेदों के साथ 10 अध्याय, और कुल 3,814 शब्द हैं।[4][5]
Explanation: