Hindi, asked by himanshilohile, 7 hours ago

भारत की सभ्यता , दर्शन और सौंदर्य पर विदेशी सदैव मुग्ध रहे है , पर आज न भौतिक समृद्ध में और न ज्ञान के क्षेत्र में हमारा कोई महत्वपूर्ण स्थान है । निम्न गद्य का व्याख्या कीजिए​

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Answered by deveshkumar9563
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Explanation:

सौंदर्यशास्त्र (Aesthetics) संवेदनात्मक-भावनात्मक गुण-धर्म और मूल्यों का अध्ययन है। कला, संस्कृति और प्रकृति का प्रतिअंकन ही सौंदर्यशास्त्र है। सौंदर्यशास्त्र, दर्शनशास्त्र का एक अंग है। इसे सौन्दर्य मीमांसा तथा आनन्द मीमांसा भी कहते हैं।

सौन्दर्यशास्त्र वह शास्त्र है जिसमें कलात्मक कृतियों, रचनाओं आदि से अभिव्यक्त होने वाला अथवा उनमें निहित रहने वाले सौंदर्य का तात्विक, दार्शनिक और मार्मिक विवेचन होता है। किसी सुंदर वस्तु को देखकर हमारे मन में जो आनन्ददायिनी अनुभूति होती है उसके स्वभाव और स्वरूप का विवेचन तथा जीवन की अन्यान्य अनुभूतियों के साथ उसका समन्वय स्थापित करना इनका मुख्य उद्देश्य होता है।

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