Hindi, asked by ParveenGill6077, 1 year ago

भारत की सभ्यता व संस्कृति के बारे में बताते हुए मित्र को पत्र

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Answered by preetykumar6666
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भारतीय संस्कृति और सभ्यता के बारे में बताने वाले मित्र को पत्र।

प्रेषक: दीपक,

चांदनी चोक

दिल्ली।

11 जनवरी 2020

प्रिय सारा,

क्या हाल है? मैं यहां ठीक हूं। मुझसे संपर्क करने के लिए धन्यवाद। इसके दस साल हो गए हैं जो मैंने आपसे नहीं सुना है। मैं अपने परिवार के साथ दिल्ली में रहता हूँ। हालाँकि मुझे न्यूयॉर्क में रहना पसंद था लेकिन आजकल भले ही आदी नहीं हूँ लेकिन फिर भी मैं आज भारतीय संस्कृति पर मोहित हूँ। भारत की संस्कृति समाज में लोगों के विचारों, विश्वासों, रीति-रिवाजों, अनुष्ठानों और सामाजिक व्यवहार को इंगित करती है। यह समाज में लोगों के जीने के तरीके को इंगित करता है। "अनेकता में एकता" नामक कहावत भारत में लोगों के बीच प्रचलित मजबूत बंधन है। यहां, विभिन्न धर्मों के लोग देश के विभिन्न हिस्सों में अपने त्योहारों को बड़े उत्साह और उत्साह के साथ मनाते हैं, एक दूसरे के साथ हस्तक्षेप किए बिना। विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं के लोगों के बीच एकजुटता की संपत्ति ने भारत को एक अनोखा देश बना दिया है। मुझे यकीन है कि यदि आप कभी भारत आते हैं तो आप भी खुश होंगे। आप सबसे अच्छा समय क्रिसमस के महीने में आ सकते हैं। यहां बेहतर आओ और हम इसे एक अलग तरीके से मनाएंगे। आपके उत्तर का इंतज़ार।

                                          तुम्हारा प्यार,

Answered by PravinRatta
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भारत के सभ्यता संस्कृति के बारे में बताते हुए मित्र को पत्र:

कमला मार्ग,

कानपुर

12 जनवरी, 2020

प्रिय मित्र,

मुझे तुम्हारा पत्र मिला और यह जानकर खुशी हुई कि तुम कुशल हो। मैं भी यहां ठीक हूं। मैं यह पत्र तुम्हे भारत के सभ्यता तथा संस्कृति के नारे में बताने के लिए लिख रहा हूं।

भारत बहुत ही प्राचीन सभ्यताओं का देश है। यहां की संस्कृति सदियों पुरानी है। वैदिक काल से चली आ रही है भारत कि सभ्यता। इतिहास में कई परिवर्तन हुए हैं। कई अलग अलग सभ्यता आई हैं। भारत की विरासत काफी पुरानी है जिसमें संस्कार को सर्वोत्तम माना गया है। यह देश कई तरह की परंपरा तथा धर्मों को समाहित करता है। देश में अलग अलग धर्म विभिन्न त्योहारों को मनाते हैं।

हम लोग भाग्यशाली हैं कि हम भारत जैसे देश के नागरिक हैं। यहां विभिन्नता होने के भी एकता है। आगे भी तुम्हारा पत्र अपेक्षित रहेगा।

तुम्हारा मित्र,

राहुल कामत

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