भारत की समुद्र तट रेखा का क्या महत्व है
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भारतीय उपमाहद्वीप के नाले पानी में यात्रा करना स्म्रणीय अनुभव होता है। अधिकांश तटीय राज्योंप में नियमित सरकारी जहाज उपलब्धज हैं। समुद्री यात्रा का उपयोग अधिकांशत: अरब सागर में लक्षद्वीप पहुँचने और बंगाल की खाड़ी से अण्ड:मान और निकोबार द्वीप समूह तक पहुँचने में किया जाता है। ये दोनों द्वीप समूह भारतीय उपमहाद्वीप के हिस्से हैं और वे हवाई मार्ग से भी अच्छीप तरह जुड़े हुए हैं। भारतीय समुद्री तट ना केवल आपको खूबसूरत नजारे प्रदान करते हैं अपितु यह तट आपको जल क्रीड़ा की कई गतिविधियों को भी उपलब्ध करवाते हैं। आप यहां समुद्री कछुओं, जेली मछलियों, डगोंग और रंगीन मछलियों को देखने और साथ तैरने का आनंद ले सकते हैं। भारत में अंडमान निकोबार, गोवा, लक्षदीप, केरला, कर्नाटक इत्यादि जैसी कई समुद्री स्थल हैं जहां एक से बढ़कर एक रोमाचंकारी खेल खेले जाते हैं। स्कूबा डाइविंग, स्नॉर्कलिंग आदि जैसे साहसी गतिविधियों के बारे में सोच कर ही हमारा रोम-रोम खिल उठता है। यदि आप अपने एड्रेनालाईन हार्मोन कोपम्पिंग पसंद करते हैं, तो यह समुद्री तट स्कूबा डाइविंग के लिए ये अद्भुत स्थान है। आप अकेले हों या आपने साथी, अपने दोस्त एवं परिवार के साथ हो भारत के यह समुद्री तट आपको हर चीज मुहैया करवाते हैं। 9 भारतीय राज्य और 3 संघ राज्य क्षेत्र तटीय भागों में स्थित हैं। आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, केरल,कर्नाटक,महाराष्ट्र,ओडिशा और तमिलनाडु, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह,दमन और द्वीप एवं लक्षद्वीप समूह की सीमा समुद्र तट से घिरी हुई है। भारत के समुद्र तटों से समुद्र और सूर्य को निहारना बहुत ही रोमांचक और आध्यात्मिक अनुभव होता है। इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको भारत के मशहूर समुद्री तटों की यात्रा पर ले चलते हैं जो प्राकृतिक छटा से रूबरू कराते हुए आपको सृष्टि के अनमोल रचना को निहारने का सुखद अनुभव प्रदान करेंगी।