भारत के दो कृषि आधारित उद्योगों के नाम लिखिए।
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1. खाद्य प्रसंस्करण और पेय पदार्थ
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों और मूल्यवर्धन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न केन्द्रीय क्षेत्र की योजनाओं को लागू करता है। इसने हाल ही में नई केंद्रीय क्षेत्र योजना-प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना (पीएमकेएसवाई) के तहत अपनी योजनाओं को 2016-20 की अवधि के लिए रुपए 6,000 करोड़ के आवंटन के साथ पुनः संरचित किया है। योजना में निम्नलिखित घटक संस्थापित किए गए हैं- (अ) मेगा फूड पार्क (ब) एकीकृत कोल्ड चेन तथा मूल्यवर्धित आधारभूत ढांचा (स) खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता आश्वासन आधारभूत ढांचा (द) मानव संसाधन विकास तथा संस्थाएं। प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना (पीएमकेएसवाई) में तीन नई योजनाएं शामिल हैं; कृषि प्रसंस्करण समूहों के लिए आधारभूत संरचना, विनिर्माण और विपणन सुविधाओं का निर्माण तथा खाद्य प्रसंस्करण/संरक्षण इकाइयों की स्थापना में सम्पूर्ण मूल्य श्रृंखला के साथ मजबूत आधुनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण करने के उद्देश्य से खाद्य प्रसंस्करण और संरक्षण क्षमता का निर्माण/विस्तार। प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना (पीएमकेएसवाई) के घटक जैसे एकीकृत कोल्डचेन और मूल्यवर्धन आधारभूत ढांचा एवं विनिर्माण और विपणन सुविधाओं का निर्माण, कृषि उत्पादन की कटाई और फसल के बाद के नुकसान को कम करने और ग्रामीण गैर-कृषि क्षेत्र में परिश्रमिक आय और पर्याप्त रोजगार सुनिश्चित करने में बहुत महत्त्वपूर्ण हैं।
2. कपड़ा उद्योग
कपड़ा उद्योग को अत्यधिक रोजगार प्रदान करने वाला माना जाता है। यह 4.5 करोड़ लोगों को सीधे और अन्य 6 करोड़ लोगों को सम्बद्ध क्षेत्रों में रोजगार प्रदान करता है, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं और ग्रामीण आबादी भी शामिल है। भारतीय कपास कपड़ा उद्योग काफी हद तक असंगठित है और उच्च-उत्पादन तथा श्रम लागत से ग्रस्त है। उद्योग के अन्य महत्त्वपूर्ण मुद्दे हैं- पुरानी होती मशीनरी, कच्चे माल की गुणवत्ता और घरेलू व अन्तरराष्ट्रीय बाजारों में मूल्यवर्धित कपास उत्पादों के लिए समुचित-स्तर का अभाव। वस्त्र उद्योग को विश्व-स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने, निर्यात को बढ़ावा देने और आधुनिकीकरण को सुविधाजनक बनाने की दृष्टि से सरकार ने कई योजनाबद्ध पहल की है जैसे कि-एकीकृत टेक्सटाइल पार्क हेतु योजना एकीकृत प्रसंस्करण विकास योजना, समूहबद्ध कार्ययोजना, सामान्य सुविधा केन्द्र तथा संशोधित प्रौद्योगिकी उन्नयन निधि योजना, पॉवरलूम क्षेत्र के विकास के लिए योजना (पॉवर-टेकस) समर्थ-कपड़ा उद्योग क्षेत्र में क्षमता निर्माण की योजना, व्यापक हथकरघा, समूह विकास योजना, राज्य और केन्द्र की कर और लेवी छूट आदि।
3. जूट उद्योग
भारत में जूट उद्योग की स्थापित क्षमता 16.5 लाख मीट्रिक टन है, जिसमें से 11.5 लाख मीट्रिक टन जूट का उत्पादन होता है। ऐसा अतिरिक्त क्षमता विपणन और आधुनिक तकनीक और उपकरणों को लाने का प्रयास किया है। राष्ट्रीय जूट बोर्ड योजनाबद्ध हस्तक्षेप एवं अन्य बातों के साथ-साथ जूट मिलों को उनके मुद्दों और चुनौतियों को हल करने के लिए पूंजीगत आर्थिक सहायता प्रदान करता है।
4. खादी और ग्रामोद्योग
देश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय का खादी और ग्रामोद्योग आयोग विभिन्न फसल-उपरांत कृषि और खाद्य-आधारित सूक्ष्म उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा देता है जैसे दालों और अनाज, फलों और सब्जियों, ग्रामीण तेल उद्योग, ब्रेड बेकिंग आदि का प्रसंस्करण। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के माध्यम से, खादी और ग्रामोद्योग आयोग गैर-कृषि क्षेत्र में सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना के माध्यम से स्वरोजगार के अवसर पैदा करने की कोशिश करता है, जिसमें अन्य बातों का समावेश है (i) कृषि-आधारित और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग (ii) वन आधारित उद्योग (iii) हस्तनिर्मित कागज और (iv) फाइबर/कपड़ा उद्योग।
5. पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन
रोजगार और आय-सृजन क्षमता को ध्यान में रखते हुए, सरकार विभिन्न योजनाओं को लागू करती है। जैसेकि इस उप-क्षेत्र में कृषि-आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए डेयरी गतिविधियों में डेयरी उद्यमिता विकास योजना, डेयरी प्रसंस्करणक और अवसंरचना विकास कोष, डेयरी गतिविधियों में सहायक डेयरी सहकारी समितियां और किसान उत्पादक संगठनों का एकीकरण, एकीकृत विकास व प्रबंधन तथा मत्स्य पालन एवं मत्स्य पालन आधारभूत संरचना विकास निधि का समावेश।
भारत के कृषि आधारित उद्योग ये है |
1.कपड़ा उद्योग
2. जुट उद्योग
Explanation:
कृषि आधारित उद्योग उसे कहते है जिसमे निर्माण और उत्पादन करने वाली कंपनिया कृषि से संबंधित सामानो का समर्थन करती है | कृषि आधारित उद्योग ऐसे संसाधानो को उपयोग करती है जिसमे फल-फूल, ज़मीन, पेड़-पौधे इत्यादि का नाम आता है | इसके साथ ही पशु का भी उपयोग किया जाता है | कृषि आधारित उद्योग को तीन भागो मे बाँटा गया है |
1. फल और सब्जी, चावल, दाल इत्यादि इकाई
2. दूध, चीनी,कपड़ा और बेकरी इत्यादि इकाई
3 कृषि,बीज,कीटनासक और कृषि उपकरण इत्यादि मे बाँटा गया है|