Social Sciences, asked by rm7545277, 9 months ago

भारत का दक्षिण का पठार क्यों महत्वपूर्ण है​

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Answered by purubarapatre1963
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Explanation:

दक्कन का पठार जिसे विशाल प्रायद्वीपीय पठार के नाम से भी जाना जाता है, भारत का विशालतम पठार है। दक्षिण भारत का मुख्य भू भाग इस ही पठार पर स्थित है। यह पठार त्रिभुजाकार है। इसकी उत्तर की सीमा सतपुड़ा और विन्ध्याचल है पर्वत शृंखला द्वारा और पूर्व और पश्चिम की सीमा क्रमशः पूर्वी घाट एवं पश्चिमी घाट द्वारा निर्धारित होती है। यह पठार भारत के ८ राज्यो में फैला हुआ है।

दक्कन शब्द संस्कृत के शब्द दक्षिण का अंग्रेजी अपभ्रंश शब्द डक्कन का हिन्दीकरण है। यह भारत भू भाग का सबसे विशाल खंड है! दक्कन का पठार सतपुड़ा, महादेव तथा मैकाल श्रृंखला से लेकर नीलगिरी पर्वत के बीच अवस्थित है । इसकी औसत ऊँचाई 300-900 मी. के बीच है । इसे पुनः तीन पठारों में विभाजित किया गया है । (i) महाराष्ट्र का पठार (काली मृदा), (ii) आंध्रप्रदेश का पठार, जिसे ‘आंध्रा प्लेटो’ कहते हैं । इसे 2 भागों में बाँटते हैं - क. तेलंगाना पठार (लावा पठार) ख. रायलसीमा पठार (आर्कियन चट्टानों की प्रधानता) (iii) कर्नाटक पठार (मैसूर पठार) - इसमें आर्कियन चट्टानों की प्रधानता है । यह धात्विक खनिजो के लिए प्रसिद्ध है ।

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