भारत के विभिन्न राज्यों में भूमि को निमंत्रण से बचाने के लिए किसी भी
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लावासरदारगढ़ | आगरिया स्थित पंचमुखी हनुमान गोशाला का 23 अप्रैल को होने वाले भूमि पूजन की प्रथम निमंत्रण सोमवार को गो विचारक संत ज्ञानानंद महाराज (खमनोर)को दिया गया। संत ने भूमि पूजन में आने की स्वीकृति प्रदान की। राजस्थान गो सेवा समिति राजसमंद जिला प्रवक्ता सुरेश कुमावत ने बताया कि आगरिया में दस बीघा जमीन पर पंचमुखी हनुमान गोशाला का भूमि पूजन 23 अप्रैल को होगा। समिति के अध्यक्ष व पंचमुखी हनुमान मंदिर शांतिनाथ चौराहा के महंत सीताराम दास महाराज व अन्य प्रमुख संतो की उपस्थिति में होगा। 22 अप्रैल को रात्रि जागरण व भजन संध्या होगी। सोमवार को समिति सदस्य कुलदीप पारीक, बजरंग वैष्णव, सुनिल सुथार, सुरेश कुमावत, पुष्कर पारीक आदि गो भक्तो ने खमनोर आश्रम जाकर वहां संत ज्ञानानंद महाराज से मिल कर गोशाला भूमि पूजन कार्यक्रम में पधारने का प्रथम निमंत्रण पत्र भेंट कर आशीर्वाद लिया।
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मृदा संरक्षण की विधियाँ
- वन संरक्षण वनों के वृक्षों की अंधाधुंध कटाई मृदा अपरदन का प्रमुख कारण है। ...
- वृक्षारोपण नदी घाटियों, बंजर भूमियों तथा पहाड़ी ढालों पर वृक्ष लगाना मृदा संरक्षण की दूसरी विधि है। ...
- बाढ़ नियंत्रण ...
- नियोजित चराई ...
- बंध बनाना ...
- सीढ़ीदार खेत बनाना ...
- समोच्चरेखीय जुताई (कण्टूर जुताई) ...
- कृषि की पट्टीदार विधि अपनाना