भारत के विभिन्न दुर्गति प्रदेश या भौतिक विभाजन का वर्णन सचिव कीजिए ( 300 शब्दो में )
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पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र, जिसे भू-चुंबकीय क्षेत्र के रूप में भी जाना जाता है। ... पृथ्वी के बाहरी कोर में पिघले हुए लोहे और निकल के मिश्रण की संवहन धाराओं की गति के कारण विद्युत धाराओं उत्पन्न होती है, और पृथ्वी के अपनी धुरी पर घूमने के कारण वो विद्युत धाराओं में से चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है।
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भारत में लगभग सभी प्रकार के भौगोलिक उच्चावच पाये जाते हैं| इसका कारण भारत का वृहद विस्तार व तटीय अवस्थिति है| भौगोलिक रूप से भारत को पाँच इकाईयों में बांटा जाता है:
उत्तर का महान पर्वतीय भाग
उत्तरी भारतीय मैदान
प्रायद्वीपीय पठार
तटीय मैदान
द्वीप
उत्तर का महान पर्वतीय भाग
उत्तर के महान पर्वतीय भाग को दो भागों में बांटा जाता है-
1. ट्रांस हिमालय
2. हिमालय
ट्रांस हिमालय पर्वतीय भाग हिमालय के उत्तर में स्थित है, जिसमें काराकोरम, लद्दाख और जास्कर पर्वत श्रेणियाँ शामिल हैं| इस पर्वतीय क्षेत्र की चौड़ाई 150 किमी. से 400 किमी. के बीच पायी जाती है| विश्व की दूसरी सबसे ऊँची चोटी, K-2 (गॉडविन आस्टिन) सहित कुछ अन्य सबसे ऊँची पर्वत चोटियाँ पायी जाती हैं| काराकोरम में बाल्टोरो और सियाचिन जैसे वृहद ग्लेशियर पाये जाते हैं|
सिंधु नदी से लेकर दिहांग या सिंधु नदी तक के पर्वतीय भाग को हिमालय श्रंखला कहा जाता है| हिमालय का अर्थ होता है- ‘हिम का घर’| हिमालय पर्वत श्रंखला का निर्माण तृतीयक कल्प/टर्शियरी युग में अवसादों के मुड़ने से वलित पर्वतों के रूप में हुआ है| प्लेट विवर्तनिकी सिद्धान्त के अनुसार हिमालय का निर्माण भारतीय प्लेट और यूरोपीय प्लेट के आपस में टकराने और संभवतः भारतीय प्लेट के यूरोपीय प्लेट के नीचे धँसने के कारण अवसादों के मुड़ने से हुआ है| इसीलिए हिमालय को ‘नवीन वलित पर्वत श्रंखला’ कहा जाता है|