Geography, asked by AshwinKumar9962, 11 months ago

भारत के वृष्टि - छाया क्षेत्रों का सकारण विवरण दे ।

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Answered by cutesmile590
3

Answer:

plz write in english so that I can answer ur question .

Answered by uniqueboypaul
4

Explanation:

हवाएं पर्वत के जिस ढाल से टकराती है उसे पवन सम्मुख ढाल कहते हैं और हवाएं पर्वत के जिस ढाल के सहारे नीचे उतरती हैं उस स्थान को पवन विमुख ढाल कहते हैं।

– मानसूनी हवाएं पवन विमुख ढाल पर वर्षा नहीं करा पाती हैं या बहुत कम कराती है इसलिए पवन विमुख ढाल को वृष्टि छाया प्रदेश कहते हैं। अर्थात पश्चिमी घाट का पूर्वी ढाल वृष्टि छाया प्रदेश के अंतर्गत आता है।

इसके दो महत्वपूर्ण कारण है।

1- मानसूनी हवाएं पश्चिमी घाट के पवन सम्मुख ढाल से टकराने के बाद अपनी अधिकतर नमी वहीं छोड़ देती हैं जिसके कारण पश्चिमी घाट के पूर्वी ढाल पर पहुंचने के समय उसमें आद्रता नमी नहीं रहती है जिसके कारण वर्षा नहीं होती है।

2- जब हवाएं पवन सम्मुख ढाल को पार करके पवन विमुख ढाल के सहारे नीचे उतरती हैं तो नीचे उतरने वाली हवाओं में एडियाबेटिक ताप वृद्धि के कारण हवाएं गर्म हो जाती है एवं गर्म हवा की सापेक्षिक आर्द्रता घट जाती है तथा वर्षा नहीं हो पाती है।

गर्म हवा के धारण करने की क्षमता बढ़ जाती है जिसके कारण हवा नमी को छोड़ नहीं पाती है तथा हवा ज्यादा से ज्यादा नमी को अपने अंदर समाहित रखना चाहती है।

अतः जब हवा ठंडी होती है तो नमी को छोड़ती है।

ठंडी हवा की सापेक्षिक आद्रता बढ़ जाती है

जिसके कारण वर्षा होती है तथा गर्म हवा की सापेक्षिक आर्द्रता घट जाती है तथा वह नमी नहीं छोड़ पाती है जिसके कारण वर्षा नहीं होती है

भारत में वृष्टि छाया प्रदेश के अंतर्गत 3 क्षेत्र शामिल हैं।

1- महाराष्ट्र का विदर्भ क्षेत्र

2- आंध्र प्रदेश का तेलंगाना क्षेत्र

3- उतरी कर्नाटक का पठार

( सूखाग्रस्त क्षेत्र)

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