भारत की विदेश नीति का मूल तत्व क्या है?
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इंडिया", "हिंदुस्तान" या हिंदुओं के निवास का अंग्रेजी नाम है, जो इसे उन आक्रमणकारियों द्वारा दिया गया था, जिनके लिए पहली प्रमुख प्राकृतिक बाधा, सिंधु या इंडस नदी से परे रहने वाले लोग 'हिंदू' थे। प्रचुर मात्रा में पानी, धूप और उपजाऊ भूमि से सम्पन्न भारत, जो दक्षिण में समुद्र तट, उत्तर में लगभग दुर्दमनीय पर्वत श्रृंखला, पूरब में घने जंगलों और पश्चिम में रेगिस्तान द्वारा संरक्षित था, इसकी एक आत्मनिहित, स्व-संतुष्ट और समृद्ध (सोने की चिडिया) सभ्यता थी, जो पंजाब और सिंध से हिमालय, बंगाल और महासागर के किनारे तक फैली हुई थी। भारत कभी भी आक्रामक शक्ति नहीं था, क्योंकि अपनी प्राकृतिक सीमाओं से परे जाकर इसे कुछ भी हासिल नहीं करना था। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से होने वाले व्यापारिक और सांस्कृतिक संपर्क अधिकतर शांतिपूर्ण संबंध थे। केवल उत्तर-पश्चिम की पर्वत मालाओं की ओर से समय-समय पर भारत को खतरों और हमलों का सामना करना पड़ता था।
इंडिया", "हिंदुस्तान" या हिंदुओं के निवास का अंग्रेजी नाम है, जो इसे उन आक्रमणकारियों द्वारा दिया गया था, जिनके लिए पहली प्रमुख प्राकृतिक बाधा, सिंधु या इंडस नदी से परे रहने वाले लोग 'हिंदू' थे। प्रचुर मात्रा में पानी, धूप और उपजाऊ भूमि से सम्पन्न भारत, जो दक्षिण में समुद्र तट, उत्तर में लगभग दुर्दमनीय पर्वत श्रृंखला, पूरब में घने जंगलों और पश्चिम में रेगिस्तान द्वारा संरक्षित था, इसकी एक आत्मनिहित, स्व-संतुष्ट और समृद्ध (सोने की चिडिया) सभ्यता थी, जो पंजाब और सिंध से हिमालय, बंगाल और महासागर के किनारे तक फैली हुई थी। भारत कभी भी आक्रामक शक्ति नहीं था, क्योंकि अपनी प्राकृतिक सीमाओं से परे जाकर इसे कुछ भी हासिल नहीं करना था। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से होने वाले व्यापारिक और सांस्कृतिक संपर्क अधिकतर शांतिपूर्ण संबंध थे। केवल उत्तर-पश्चिम की पर्वत मालाओं की ओर से समय-समय पर भारत को खतरों और हमलों का सामना करना पड़ता था।