Hindi, asked by Anonymous, 3 months ago

भारत की विदेश नीति की प्रमुख विशेषताओं की व्याख्या कीजिए ।​

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Explanation:

कोई भी देश अलग-थलग होकर या पूरी तरह आत्मनिर्भर होकर नहीं रह सकता। विभिन्न देशों की विविध प्रकार की जरूरतों की पूर्ति के लिए उनमें पारस्परिक अंतर्निर्भरता उन्हें एक-दूसरे के नजदीक लाती है और इससे सहयोग एवं मतभेद की ताकतों को भी बल मिलता है।

विदेश नीति के निर्धारक तत्व

एक देश की विदेश नीति को निर्धारित एवं प्रभावित करने वाले कारक हैं-भू-रणनीतिक अवस्थिति,सैन्य क्षमता, आर्थिक शक्ति, एवं सरकार का स्वरूप। दूसरी तरफ विदेश नीति संबंधी निर्णय वैश्विक एवं आंतरिक प्रभावों द्वारा निर्धारित होते हैं।

भू-राजनीति

एकदेश की अवस्थिति एवं भौतिक स्थलाकृति उस राज्य की विदेश नीति पर बेहद महत्वपूर्ण प्रभाव डालती है। प्राकृतिक सीमाओं की उपस्थिति एक देश को सुरक्षा का भाव प्रदान करती है जो शांतिपूर्ण समय में घरेलू विकास पर ध्यान दे सकता है। अधिकतर देशों के लिए द्विपीयता संभव नहीं है जैसाकि उनकी सीमा से कई देश लगे होते हैं और उनके पास अंतरराष्ट्रीय मामलों से असंलग्न रहने का विकल्प नहीं होता है।

सैन्य क्षमता

मतभेदों में बल प्रयोग अंतिम तौर पर किया जाता है, लेकिन जिस देश के पास भारी एवं सुसज्जित सैन्य बल होता है उसे विश्व स्तर पर अन्य खिलाड़ियों से अधिक सम्मान प्राप्त होता है। इस प्रकार सैन्य क्षमता विदेश नीति निर्णय का एक कारक है। एक सैन्य रूप से सशक्त देश इस दृष्टिकोण से अक्षम देशों की अपेक्षा विश्वासपूर्ण एवं कठोर निर्णय ले सकता है।

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पंचशील

  • एक-दूसरे की क्षेत्रीय अखंडता एवं संप्रभुता का पारस्परिक सम्मान करना
  • पारस्परिक आक्रमण न करना
  • एक-दूसरे के आंतरिक मामलों में आपसी हस्तक्षेप न करना
  • समानता एवं पारस्परिक लाभ
  • शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व
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