Hindi, asked by pappupragati, 17 days ago

भारत का विदेशी व्यापार कैसा था​

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Answered by srilashyalavakumar
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अभी हाल तक, भारत के आयात की संरचना देश द्वारा द्वितीय नियोजन के दौरान 1956 की शुरुआत में अपनाई गई औद्योगीकरण की रणनीति को प्रतिबिम्बित करती है। इस समय बड़ी मात्रा में मशीनरी, परिवहन उपकरण, यंत्र एवं उपकरण इत्यादि पूंजीगत सामान का आयात हुआ। लौह एवं इस्पात, पेट्रोलियम, रसायनों इत्यादि के औद्योगिक विकास हेतु आगतों का भी आयात किया गया। इन वस्तुओं के आयात ने औद्योगिक विकास को प्रारंभ करने में मदद की और कई वर्षों के लिए इसके विस्तार में भी मदद की। बढ़ती जनसंख्या की जरूरतों तथा प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़ इत्यादि के कारण घरेलू उत्पादन में आयी कमी को पूरा करने के लिए भी उपभोक्ता वस्तुओं जिसमें बड़ी मात्रा में अनाज एवं इनके बने उत्पाद भी आयात किए गए।

Answered by s15316aghanshyam0219
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Answer:

भारत के विश्व के भौगोलिक प्रदेशों और बड़े व्यापारिक समूहों के साथ व्यापारिक संबंध हैं जिसमें पश्चिमी यूरोप, पूर्वी यूरोप, पूर्ववर्ती सोवियत संघ (रूस) और बाल्टिक राज्य, एशिया, ओसीनिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका और लैटिन अमेरिका आते हैं। 1950-51 में भारत का कुल विदेश व्यापार (आयात एवं निर्यात) ₹ 1214 करोड़ था। तब से, यह समय-समय पर मंदी के साथ लगातार वृद्धि करने का साक्षी है।

जबकि भारत की व्यापार संवृद्धि का विश्व व्यापार बढ़ोतरी के साथ एक मजबूत सह-संबंध है, यह विश्व व्यापार संवृद्धि की तुलना में ऊंचा रहा है, विशेष रूप से, 1990 के सुधार का अनुसरण करने पर और वर्ष 2003 के बाद की दो समयावधियों में।

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