भारत में अंतरराष्ट्रीय प्रवास के कारकों की व्याख्या कीजिए
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भारत में अंतर्राष्ट्रीय प्रवास के दो स्तर हैं- (i) उत्प्रवास-भारत से बाह्य देशों की ओर प्रवास, (ii) आप्रवास-बाह्य देशों से भारत की ओर प्रवास। ... अंतरराष्ट्रीय प्रवास के मुख्य कारणों में आजीविका के लिए विवाह, शिक्षा, आर्थिक रूप से सुदृढ़ता इत्यादि है।
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अंतर्राष्ट्रीय प्रवास
स्पष्टीकरण:
- अंतर्राष्ट्रीय प्रवास तब होता है जब लोग राज्य की सीमाओं को पार करते हैं और मेजबान राज्य में कुछ न्यूनतम समय तक रहते हैं।
- शिक्षा अंतर्राष्ट्रीय प्रवास का एक अन्य कारण है, क्योंकि छात्र विदेश में अपनी पढ़ाई जारी रखते हैं।
- स्थायी प्रवासी किसी नए देश में अपना स्थायी निवास स्थापित करना चाहते हैं और संभवतः उस देश की नागरिकता प्राप्त करना चाहते हैं।
- अस्थायी प्रवासी केवल सीमित समय के लिए ही रहने का इरादा रखते हैं; शायद अध्ययन के किसी विशेष कार्यक्रम के अंत तक या उनके कार्य अनुबंध की अवधि या एक निश्चित कार्य मौसम तक।
- दोनों प्रकार के प्रवासियों का चुने हुए गंतव्य देश और मूल देश की अर्थव्यवस्थाओं और समाजों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।
- गरीब चिकित्सा देखभाल।
- पर्याप्त नौकरियां नहीं।
- कम अवसर।
- आदिम शर्तें।
- राजनीतिक भय।
- अत्याचार और दुर्व्यवहार का डर।
- धार्मिक भेदभाव।
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