History, asked by laxmisharma86, 7 months ago

भारत में ब्रिटिश शासन में लाई गई राजनीतिक एकीकरण की प्रकृति की व्याख्या कीजिए ?​

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Answered by kkabhi32
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Answer:

भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, 1947 ने रियासतों को यह विकल्प दिया कि वे भारत या पाकिस्तान अधिराज्य (डामिनियम) में शामिल हो सकती हैं या एक स्वतंत्र संप्रभु राज्य के रूप में स्वंय को स्थापित कर सकती हैं।

तत्कालीन समय में लगभग 500 से ज़्यादा रियासतें लगभग 48% भारतीय क्षेत्र एवं 28% जनसंख्या की कवर करती थीं।

ये रियासते वैधानिक रूप से ब्रिटिश भारत के भाग नहीं थें, लेकिन ये ब्रिटिश क्राउन के पूर्णत: अधीनस्थ थीं।

ये रियासते, राष्ट्रवादी प्रवृत्तियों एवं अन्य उपनिवेशी शक्तियों के उदय को नियंत्रित करने में, ब्रिटिश सरकार के लिये एक सहायक के रूप में थीं।

सरदार वल्लभ भाई पटेल (भारत के पहले उपप्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री) को V.P. मेनन की सहायता से रियासतों के एकीकरण का कार्य सौंपा गया।

राजाओं के बीच राष्ट्रवाद का आह्वान शामिल न होने पर अराजकता की आशंका जताते हुए, पटेल ने राजाओं को भारत में शामिल करने का हर संभव प्रयास किया।

उन्होंने ‘प्रिवी पर्स’ (एक भुगतान, जो शाही परिवारों को भारत के साथ विलय पर पर हस्ताक्षर करने पर दिया जाना था) की अवधारणा को भी पुनर्स्थापित किया।

कुछ रियासतों ने भारत में शामिल होने का निर्णय किया, तो कुछ ने स्वतंत्र रहने का, वहीं कुछ रियासतें पाकिस्तान का भाग बनना चाहती थीं।

Answered by raj833675
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Explanation:

भारत में ब्रिटिश शासन में लाई गई राजनीतिक एकीकरण की प्रकृति की व्याख्या करो

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