भारत में बौध धर्म के विकास के कारणों की व्याख्या कीजिए। 150 शब्दों में
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Answer:
बौद्ध धर्म का विकास ईसा पूर्व ६ वी शताब्दी से प्रारम्भ होकर, सम्राट अशोक द्वारा कलिंग में लाखों लोगों का नरसंहार करने के पश्चात नरमुंडों के पहाड़ देखकर आत्मग्लानि के कारण बौद्ध धर्म स्वीकार कर राज्यधर्म के रूप में प्रतिस्थापित किया।
Explanation:
बौध धर्म का उदय:
बौद्ध धर्म की स्थापना छठवीं शताब्दी में गौतम बुद्ध द्वारा की गयी थी। बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व में नेपाल के लुम्बिनी में हुआ था। उनकी मृत्यु 483 ईसा पूर्व में भारत में उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में हुई थी। ... सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म में प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
बौध धर्म का मूल आधार:
ज्ञान प्राप्ति के सिद्धार्थ बुद्ध कहलाये। बौद्ध ग्रंथों में इनके ज्ञान प्राप्ति को 'निर्वाण' कहा गया है। ... बौद्ध धर्म के मूल आधार 4 आर्य सत्य हैं। ये 4 आर्य सत्य हैं- दुःख, दुःख समुदाय, दुःख निरोध, तथा दुःख निरोध गामिनी प्रतिपदा (दुःख निवारक मार्ग) अर्थात अष्टांगिक मार्ग
बौध धर्म की लोकप्रियता:
बौद्धकाल ने ना केवल वृहद विकास का दौर देखा है अपितु सशक्त प्रथम केन्द्रिय सत्ता भी देखी है। ईस काल में भारतवर्ष् अध्यात्म एवम ज्ञान का केन्द्र बन गया था। बौद्ध धर्म के तीव्र विस्तार से उस समय धार्मिक एवम राजनैतिक के अतिरिक्त आर्थिक विकास भी खूब हुआ।