२. भारत में बहने वाली नदियों ko Bharat ke मार
चित्र पर दियाँग
Answers
ऋग्वैदिककाली नदियाँ
प्राचीन नाम
आधुनिक नाम
कुभु
कुर्रम
कुभा
काबुल
वितस्ता
झेलम
आस्किनी
चिनाव
पुरुष्णी
रावी
शतुद्रि
सतलज
विपाशा
व्यास
सदानीरा
गंडक
दृषद्वती
घग्घर
गोमती
गोमल
सुवास्तु
स्वात
सिंधु
सिन्ध
सरस्वती/दृशद्वर्ती
घघ्घर/रक्षी/चित्तग
सुषोमा
सोहन
मरुद्वृधा
मरुवर्मन
भारत की नदियों को चार समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है जैसे:-
1. हिमालय से निकलने वाली नदियाँ
2. दक्षिण से निकलने वाली नदियाँ
3. तटवर्ती नदियाँ
4. अन्तर्देशीय नालों से द्रोणी क्षेत्र की नदियाँ
हिमालय से निकलने वाली नदियाँ
हिमालय से निकलने वाली नदियाँ बर्फ और ग्लेशियरों के पिघलने से बनी हैं अत: इनमें पूरे वर्ष के दौरान निरन्तर प्रवाह बना रहता है। मानसून माह के दौरान हिमालय क्षेत्र में बहुत अधिक वृष्टि होती है और नदियाँ बारिश पर निर्भर हैं अत: इसके आयतन में उतार चढ़ाव होता है। इनमें से कई अस्थायी होती हैं। तटवर्ती नदियाँ, विशेषकर पश्चिमी तट पर, लम्बाई में छोटी होती हैं और उनका सीमित जलग्रहण क्षेत्र होता है। इनमें से अधिकांश अस्थायी होती हैं। पश्चिमी राजस्थान के अन्तर्देशीय नाला द्रोणी क्षेत्र की कुछ् नदियाँ हैं। इनमें से अधिकांश अस्थायी प्रकृति की हैं। हिमाचल से निकलने वाली नदी की मुख्य प्रणाली सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र और मेघना नदी की प्रणाली की तरह है।