भारत में बरसात और जाड़े के मौसम में किन किन महीनों में आते हैं इन मौसम में खान-पान की हमारी आदतें कैसी होती है इनके बारे में एक अनुच्छेद लेख लिखें
Answers
Explanation:
हमारे शरीर पर खान-पान के अलावा मौसम और जलवायु का भी प्रभाव पड़ता है। किसी एक मौसम में कोई एक दोष बढ़ता है तो कोई दूसरा शांत होता है जबकि दूसरे मौसम में कोई अन्य दोष बढ़ता घटता रहता है। आयुर्वेद में बताया गया है कि आपकी सेहत और मौसम में गहरा संबंध है।
इसलिए आयुर्वेद में हर मौसम के हिसाब से रहन-सहन और खान पान के निर्देश दिए गए हैं। इन निर्देशों का पालन करके आप निरोग रह सकते हैं। अपने देश की भौगोलिक स्थिति के अनुसार साल में तीन मौसम होते हैं : गर्मी, सर्दी और मानसून। ये तीन मौसम छः ऋतुओं में बाँटे गये हैं। ये ऋतुएँ हैं :
शिशिर (जनवरी से मार्च)
बसंत (मार्च से मई)
ग्रीष्म (मई से जुलाई)
वर्षा (जुलाई से सितंबर)
शरद (सितंबर से नवंबर)
हेमन्त (नवम्बर से जनवरी)
इन सारी ऋतुओं को सूर्य की गति के आधार पर निर्धारित किया गया है, जिसे अयन कहा जाता है। अयन के दो प्रकार बताए गए हैं :
उत्तरायण (उत्तर की ओर गति)
दक्षिणायन (दक्षिण दिशा की ओर गति)
MARK ME AS BRAINIEST
if you like my answer
Answer:
okk siso btw kon sai class mai ho aap ☺☺✌✌✌✌