भारत में चुनावी गड़बड़ियों से संबंधित कुछ रिपोटें यहाँ दी गई हैं। प्रत्येक मामले में समस्या की पहचान कीजिए। इन्हें दूर करने के लिए क्या किया जा सकता है?
क. चुनाव की घोषणा होते ही मंत्री महोदय ने बंद पड़ी चीनी मिल को दोबारा खोलने के लिए वित्तीय सहायता देने की घोषणा की।
ख. विपक्षी दलों का आरोप था कि दूरदर्शन और आकाशवाणी पर उनके बयानों और चुनाव अभियान को उचित जगह नहीं मिली।
ग. चुनाव आयोग की जाँच से एक राज्य की मतदाता सूची में 20 लाख फर्जी मतदाताओं के नाम मिले।
घ. एक राजनैतिक दल के गुंडे बंदूकों के साथ घूम रहे थे, दूसरी पार्टियों के लोगों को मतदान में भाग लेने से रोक रहे थे और दूसरी पार्टी की चुनावी सभाओं पर हमले कर रहे थे।
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उत्तर :
क. चुनाव की घोषणा होते ही मंत्री महोदय ने बंद पड़ी चीनी मिल को दोबारा खोलने के लिए वित्तीय सहायता देने की घोषणा की।
- चुनाव की घोषणा के पश्चात मंत्री का इस प्रकार का बयान आदर्श चुनाव संहिता का उल्लंघन है । अतः इस मंत्री के विरुद्ध कार्यवाही होनी चाहिए।
ख. विपक्षी दलों का आरोप था कि दूरदर्शन और आकाशवाणी पर उनके बयानों और चुनाव अभियान को उचित जगह नहीं मिली।
- विपक्षी दलों को दूर दर्शन एवं ऑल इंडिया रेडियो पर पर्याप्त समय न देना लोकतंत्र के सिद्धांतों के विरोध है। अतः सभी पार्टियों को दूरदर्शन एवं ऑल इंडिया रेडियो पर समान रूप से समय मिलना चाहिए।
ग. चुनाव आयोग की जाँच से एक राज्य की मतदाता सूची में 20 लाख फर्जी मतदाताओं के नाम मिले।
- एक राज्य की मतदाता सूची में 20 लाख फर्जी मतदाता पाए जाने, निष्पक्ष एवं स्वतंत्र चुनावों के लिए खतरा है । अतः सभी फर्जी मतदाताओं को मतदाता सूची से हटाना चाहिए एवं संबंधित अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही की जानी चाहिए।
घ. एक राजनैतिक दल के गुंडे बंदूकों के साथ घूम रहे थे, दूसरी पार्टियों के लोगों को मतदान में भाग लेने से रोक रहे थे और दूसरी पार्टी की चुनावी सभाओं पर हमले कर रहे थे।
- एक राजनीतिक दल के साथ बंदूके लिए घूम रहे गुंडे लोकतंत्र के लिए खतरा है। अतः संबंधित राजनीतिक दल को चेतावनी दी जानी चाहिए अगर राजनीतिक दल नहीं मानता तो उसकी मान्यता समाप्त कर देनी चाहिए।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।
इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न
क्या हम इस अध्याय में दी गई सूचनाओं के आधार पर निम्नलिखित निष्कर्ष निकाल सकते हैं? इनमें से सभी पर अपनी राय के पक्ष में दो तथ्य प्रस्तुत कीजिए।
क. भारत के चुनाव आयोग को देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करा सकने लायक पर्याप्त अधिकार नहीं हैं।
ख. हमारे देश के चुनाव में लोगों की जबर्दस्त भागीदारी होती है।
ग. सत्ताधारी पार्टी के लिए चुनाव जीतना बहुत आसान होता है।
घ. अपने चुनावों को पूरी तरह से निष्पक्ष और स्वतंत्र बनाने के लिए कई कदम उठाने जरूरी हैं।
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यहाँ दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में चुनावी गड़बड़ियों की कुछ रिपोर्ट दी गई हैं। क्या ये देश अपने यहाँ के चुनावों में सुधार के लिए भारत से कुछ बातें सीख सकते हैं? प्रत्येक मामले में आप क्या सुझाव देंगे?
क. नाइजीरिया के एक चुनाव में मतगणना अधिकारी ने जान-बूझकर एक उम्मीदवार को मिले वोटों की संख्या बढ़ा दी और उसे जीता हुआ घोषित कर दिया। बाद में अदालत ने पाया कि दूसरे उम्मीदवार को मिले पाँच लाख वोटों को उस उम्मीदवार के पक्ष में दर्ज कर लिया गया था।
ख. फिजी में चुनाव से ठीक पहले एक परचा बाँटा गया जिसमें धमकी दी गई थी कि अगर पूर्व प्रधानमंत्री महेंद्र चौधरी के पक्ष में वोट दिया गया तो खून-खराबा हो जाएगा। यह धमकी भारतीय मूल के मतदाताओं को दी गई थी।
ग. अमेरिका के हर प्रांत में मतदान, मतगणना और चुनाव संचालन की अपनी-अपनी प्रणालियाँ हैं। सन् 2000 के चुनाव में फ्लोरिडा प्रांत के अधिकारियों ने जॉर्ज बुश के पक्ष में अनेक विवादास्पद फैसले लिए पर उनके फैसले को कोई भी नहीं बदल सका।
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