भारत में एकल स्वामित्व का भविष्य समझाइयें
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व्यवसाय प्रारम्भ एवं समापन करने में आसानी – एकल स्वामित्व का एक महत्वपूर्ण लाभ यह है कि इसमें व्यवसाय प्रारम्भ करने तथा उसे बन्द करते समय न्यूनतम वैधानिक औपचारिकताओं की आवश्यकता होती है। इनके नियमन हेतु अलग से कोई कानून नहीं है। 6. पूर्ण नियन्त्रण – एकल स्वामित्व में एकल व्यापारी का व्यापार पर पूर्ण नियन्त्रण रहता है।
Explanation:
एकल स्वामित्व (Sole proprietorship) एक प्रकार का व्यावसायिक संगठन है। इसका अर्थ है- 'एक व्यक्ति का स्वामित्व'। अर्थात् एक ही व्यक्ति व्यवसाय का स्वामी होता है। इस प्रकार एकल स्वामित्व वह व्यापार संगठन है, जिसमें एक ही व्यक्ति स्वामी होता है और व्यवसाय से संबंधित सभी कार्यकलापों का प्रबंधन और नियंत्रण उसी के हाथ में होता है। एकल व्यवसाय के स्वामी और संचालक ‘एकल स्वामी’ या ‘एकल व्यवसायी’ कहलाते हैं। एकल व्यवसायी अपने व्यवसाय से सम्बन्धित सभी संसाधनों को जुटाकर उन्हें योजनाबद्ध ढंग से व्यवस्थित करता हैं तथा लाभ कमाने के एकमात्र उद्देश्य से सारी गतिविधियों का संचालन करता है। इसे - जे. एल. हैन्सन इस तरह परिभाषित किया है एकल व्यापारी व्यवसाय एक एसी व्यावसायिक इकाई है जिसमें एक ही व्यक्ति पूंजी लगाता है, उद्यम का जोखिम उठाता है व प्रबंधन करता हैं।।