Sociology, asked by prafulljanghela, 3 months ago

भारत में गंदी वस्तियों पर निबंध लिखिये​

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Answered by dyuti12311
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Answer:

गन्दी बस्तियों को साफ करने पर नियुक्त परामर्शदाता समिति के अनुसार भारत में औद्योगिक नगरों में 7 प्रतिशत से 60 प्रतिशत तक लोग गन्दी बस्तियों में रहते हैं । अकेले कलकत्ता नगर में 6 लाख जनता गन्दी बस्तियों में रहती है । देश में लगभग 115 लाख श्रमिक गन्दी बस्तियों में रहते हैं ।

कानपुर में इन्हें अहाता, कलकत्ता में बस्ती, बम्बई में चाल, दिल्ली में बस्ती तथा मद्रास में चेरी द्वारा कहते हैं । देश के विचारवान लोगों ने इन गन्दी बस्तियों की भारी आलोचना की है । परन्तु जैसा कि डॉ॰ वी. अग्निहोत्री ने सन् 1950 तथा 1954 में कानपुर के अपने सर्वेक्षण में पता लगाया है, इन बस्तियों की दशा में कोई विशेष परिवर्तन नहीं हुआ है ।

Hope it helped

Answered by sanket2612
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Answer:

स्लम हमारे देश के लिए एक बढ़ती हुई समस्या है।

यह वह जनसंख्या है जो गाँवों से कस्बों की ओर पलायन करती है जिसके कारण उनका निर्माण हुआ है।

गांवों में हमारी आबादी और अतिरिक्त मुंह को खिलाने के लिए संसाधनों की कमी, लोगों को नौकरियों की तलाश में पलायन करने के लिए मजबूर करती है।

नगरों में आश्रय स्थल नहीं, झुग्गी-झोपड़ी-आवास बनते हैं।

इस समस्या से निपटना कठिन होता जा रहा है।

इसका समाधान तभी हो सकता है जब देश के ग्रामीण क्षेत्र में सुधार होगा।

राजनीतिक संरक्षण भी उनके विकास के लिए जिम्मेदार है क्योंकि झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले वोट बैंक बन जाते हैं।

शहरी जीवन के अतिरिक्त आकर्षण भी ग्रामीण आबादी के प्रवास और मलिन बस्तियों के विकास के कारण हैं।

मलिन बस्तियों में रहने की स्थिति सबसे अस्वस्थ और अस्वच्छ है।

ग्रामीण जीवन को सुधारा जाए, आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं; अतिरिक्त आय के स्रोत के रूप में कुटीर उद्योग शुरू हुए, तभी मलिन बस्तियों के विकास को रोका जा सकता है।

#SPJ3

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