भारत में जाति-प्रथा का मुख्य कारण क्या है ?
Answers
Answer:
अनुसार जाति-बाहुल्य का कारण परधर्मानुशीलन अथवा दूसरे वर्ण के कर्मों का अनुसरण करना था। इसके अतिरिक्त अनुलोम एवं प्रतिलोम विवाह के फलस्वरूप भी अनेक जातियाँ उत्पन्न हुई। इस प्रकार के विवाहों के परिणामस्वरूप वर्णसंकर जातियों की उत्पत्ति हुई थी। मनुस्मृति इन वर्णसंकर जाति समूहों का विस्तरशः वर्णन करती है।
Explanation:
hope it helps you.
भारत में जाति प्रथा के अनेक कारण हैं, उनमें से कुछ इस प्रकार हैं...
भारत में जाति प्रथा का सबसे मुख्य कारण यहाँ की सामाजिक वर्ण व्यवस्था थी, जो किसी अच्छे उद्देश्य के लिए स्थापित की गई थी, लेकिन उसने विकृत रूप धारण कर लिया और भारत में जाति प्रथा की उत्पत्ति हुई।
भारत में वर्ण व्यवस्था के तहत समाज को चार वर्गों में बांटा गया था, जिसमें ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य एवं शूद्र ये चार वर्ग थे।
आरंभ में भारत की सामाजिक व्यवस्था वर्ण व्यवस्था के आधार पर सफलतापूर्वक चलती रही और उसमें जाति प्रथा का आगमन नहीं हुआ। कालांतर में भारत पर होने वाले निरंतर बाहरी आक्रमण के कारण भारत की सामाजिक व्यवस्था छिन्न-भिन्न होती गई और उसमें विकृतियां आती गईं। जाति प्रथा उसी विकृति का परिणाम है।
#SPJ3