भारत में जैव विविधता कम करने वाले कारक कौन-कौन से हैं
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जैव विविधता को नष्ट करने में सहयोगी कारक निम्न हैं जो मानवीय गतिविधियों से संबंधित हैं : अधिक जनसंख्या, वनों का कटाव, वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, मृदा संदूषण एवं ग्लोबल वार्मिंग (या जलवायवीय परिवर्तन)।
भारत में जैव विविधता कम करने वाले कारक कौन-कौन से हैं?
भारत में जैव विविधता कम करने वाले कारक निम्नलिखित हैं :
मानवीय हस्तक्षेप : भारत में तीव्र गति से बढ़ती जनसंख्या के कारण प्राकृतिक संसाधनों पर अत्याधिक दबाव पड़ रहा है। बढ़ती जनसंख्या के कारण उसके अनुपात में प्राकृतिक संसाधन कम है, जिससे जैव विविधता की कमी होती जा रही है।
विकास : अंधाधुंध विकास के कारण मानव जैव विविधता को नष्ट करता जा रहा है। सड़क, पुल, बांध, आवास, शहर आदि के निर्माण के लिए जंगलों को काटा जा रहा है और प्राकृतिक संपदा को नष्ट किया जा रहा है।
प्राकृतिक कारण : जलवायु परिवर्तन, ओजोन परत में छेद, अम्लीय वर्षा आदि प्राकृतिक कारक जैव विविधता को कम करने का कारण बन रहे हैं।
प्राकृतिक आपदाएं : कुछ प्राकृतिक आपदाएं जैसे बाढ़, सूखा, भूकंप, सुनामी, तूफान, चक्रवात आदि जैव विविधता को नष्ट करते हैं।
वन्य जीवों का अवैध शिकार : वन्यजीवों का अवैध शिकार के कारण दुर्लभ प्राणियों के विलुप्त होने के संकट हो गया है, जिससे वन्यजीव संपदा नष्ट होती जा रही है।
प्रदूषण : मानव द्वारा किए गए विकास कार्यो के कारण अनेक तरह के प्रदूषण जैसे जल प्रदूषण। वायु प्रदूषण। मृदा प्रदूषण उत्पन्न हो रहे हैं, जो जैव विविधता को नष्ट कर रहे हैं।
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