Political Science, asked by jaiswaldevvrar, 5 hours ago

भारत में जल संसाधनों की कमी के लिए उत्तरदाई किन्हीं पांच कारकों की व्याख्या कीजिए​

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Answered by as6761228
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भारत में जल संसाधनों की कमी के लिए उत्तरदाई पांच कारक .

1. वर्षा की कमी

भारत के अनेक क्षेत्रों में विशेषकर पंजाब राजस्थान तथा पश्चिम घाट पर्वत के पूर्व में स्थित वृष्टि छाया वाले भागों में अत्यंत कम वर्षा होती है! इसलिए धारा तली तथा भूमि काजल की यहां अत्यंत कमी है कम वर्षा वाले क्षेत्रों का भूमिगत जल खारा एवं जल स्तर नीचे होता है जिसके कारण पी न्यूज़ सिंचाई के लिए जल का उपयोग नहीं किया जा सकता

2 जल का दुरुपयोग

जल के दुरुपयोग अर्थात अत्यधिक सिंचाई के कारण धरातल के भीतर की क्षमता ऊपर आ जाती है फलस्वरूप भूमि की उर्वरा शक्ति क्षीण हो जाती है वर्तमान में पेयजल का अत्यधिक दुरुपयोग किया जा रहा है; जैसे_नगरपालिका क्षेत्रों में नालों का उपयोग के पश्चात खुला छोड़ दिया जाता है, जिसके कारण शुद्ध

जल व्यर्थ बहता रहता है

3. बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र

वनों की अंधाधुंध कटाई, नदी धारा में परिवर्तन, नदी मार्ग में मानव द्वारा व्यवधान एवं अत्यधिक वर्षा बाढ़ का कारण बनती है भारत में प्रति वर्ष कई स्थान में बाढ़ आती आती है केंद्रीय जल आयोग के अनुसार भारत में लगभग 5000000 हेक्टेयर भूमि अर्थात कुल क्षेत्रफल का लगभग 1% 8 भाग क्षेत्र बाढ़ ग्रस्त अतः इसे वार्ड ग्राही क्षेत्र घोषित कर दिया गया है

4 जल प्रदूषण

नदी तट पर शहरों व उद्योगों की स्थापना से उनका गंदा जल नदी में प्रवाहित कर देने से जल प्रदूषण बढ़ रहा है

5 सूखाग्रस्त क्षेत्र

भारत के कई राज्यों में वर्षा की अनियमितता के कारण सूखे के प्रकोप से प्रभावित रहती हैं। केंद्रीय जल के अनुमान से भारत की लगभग 30% कृषि भूमि पर सूखे का भय प्रतिवर्ष बना रहता है। वही अकाल ग्रस्त रहने वाली क्षेत्र देश के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का लगभग 1/5 भाग है। सूखे के लिए वन_विनाश, अत्यधिक पशु चारण, परिवर्तन कृषि, वायुमंडलीय प्रदूषण कारक उत्तरदाई है

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