(भारत में कोरोना काल में शिक्षण)- This is the topic
a speech for 3 mins pls help meee
Answers
Answer:
कोरोना के बढ़ते खतरे के कारण पूरे देश में हुए लॉकडाउन की वजह से जब सारे शिक्षण संस्थाएं बंद हो गई। तब बच्चों को अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए ऑनलाइन शिक्षा का मजबूत सहारा मिला। लगभग सभी स्कूलों के द्वारा इंटरनेट के माध्यम से बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है। ताकि बच्चों की पढ़ाई का नुकसान ना हो। और आज देश के अधिकतर विद्यार्थी ऑनलाइन शिक्षा से जुड़कर काफी खुश भी हैं। इस माध्यम से शिक्षक अपने घर बैठ कर या दुनिया के किसी भी कोने में बैठ कर अपने विद्यार्थियों को बेहतरीन शिक्षा प्रदान कर सकता है। शिक्षक अपने कंप्यूटर या लैपटॉप में स्काइप , जूम , गूगल क्लासरूम आदि ऐसे अनेक ऐप के जरिए अपने विद्यार्थियों से जुड़ सकते हैं।
इस तरह की शिक्षा देने के लिए शिक्षक को अपने विद्यार्थियों के साथ अपने कंप्यूटर की स्क्रीन शेयर करनी पड़ती है। ऑनलाइन पढ़ाई के माध्यम से बच्चे अपने घर बैठे बैठे अपने टीचर को आराम से देख या सुन सकते हैं। और उनसे हर तरह के सवाल जवाब कर अपनी जिज्ञासाओं को दूर भी कर सकते हैं। शिक्षा या ज्ञान प्राप्त करना हर व्यक्ति का मूलभूत अधिकार है और अच्छी शिक्षा देश के प्रत्येक नागरिक को मिलना ही चाहिए। शिक्षा ही व्यक्ति का संपूर्ण विकास कर सकती हैं। उसके बौद्धिक , मानसिक व आर्थिक स्तर को ऊंचा कर सकती हैं। उसके सोचने समझने की शक्ति का विकास कर सकती हैं।
अच्छी शिक्षा हासिल करके ही अच्छे एवं सुरक्षित भविष्य की नींव डाली जा सकती है। इसीलिए एक सुरक्षित भविष्य के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अच्छी शिक्षा लेना अनिवार्य है। और ऑनलाइन शिक्षा इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। ऑनलाइन शिक्षा से कई फायदे हैं।
ऑनलाइन शिक्षा घर बैठे-बैठे इंटरनेट के माध्यम से मिलने वाली शिक्षा है।इसलिए यह शिक्षा विद्यार्थी न सिर्फ अपने देश से बल्कि विदेशों की शिक्षण संस्थाओं से भी हासिल कर सकते हैं।