भारत में किस प्रकार अर्थव्यवस्था में स्वीकार किया गया एक शब्द में उत्तर दो
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तमन्ना है कि भारत की अर्थव्यवस्था का आकार पाँच ट्रिलियन डॉलर का हो जाए. अर्थव्यवस्था के आकार का मतलब जीडीपी से है.
इसी हफ़्ते विश्व बैंक की 2018 की रैंकिंग में भारत की अर्थव्यवस्था छठे नंबर से फिसलकर सातवें नंबर पर आ गई है.
2017 की रैंकिंग में भारत की अर्थव्यवस्था का आकार 2.65 ट्रिलियन डॉलर था जो 2018 में बढ़कर 2.73 ट्रिलियन डॉलर तो हुआ लेकिन उसकी रैंकिंग गिर गई.
ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि 2018 में फ़्रांस और ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था भारत की तुलना में ज़्यादा मज़बूत रही. कहा जा रहा था कि भारत ब्रिटेन को पीछे छोड़कर पाँचवें नंबर पर आ जाएगा लेकिन ब्रिटेन और फ़्रांस ने भारत को सातवें नबंर पर धकेल दिया.
2018 में ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था 2.64 ट्रिलियन डॉलर से 2.84 ट्रिलियन डॉलर की हो गई और फ़्रांस की 2.59 ट्रिलियन डॉलर से 2.78 ट्रिलियन डॉलर की. 20.49 ट्रिलियन डॉलर के साथ अमरीकी अर्थव्यवस्था पहले नंबर है और 13.61 ट्रिलियन डॉलर के साथ चीन की अर्थव्यवस्था दूसरे नंबर पर है.
4.97 ट्रिलियन डॉलर के साथ जापान तीसरे नंबर पर और जर्मनी 3.99 ट्रिलियन डॉलर के साथ चौथे नंबर पर है. अगर मोदी के पाँच ट्रिलियन डॉलर का सपना पूरा हो जाता है तो भारत तीसरे नंबर पर आ जाएगा लेकिन यह इतना आसान नहीं है.
बिज़नेस स्टैंडर्ड अख़बार से इंडिया रेटिंग्स के प्रमुख अर्थशास्त्री देवेंद्र पंत ने कहा है कि 2017 में डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट आई थी जिसकी वजह से ऐसा हुआ है. पंत का मानना है कि इसी के कारण भारत की अर्थव्यवस्था डॉलर के टर्म में 2017 की तुलना में 2018 में पिछड़ गई.
नरेंद्र मोदी ने दूसरे कार्यकाल के लिए जब प्रधानमंत्री पद की शपथ ली तो कुछ ही दिन बाद इंडस्ट्री डेटा से पता चला कि सवारी गाड़ियों की ब्रिक्री में पिछले 18 सालों में सबसे बड़ी गिरावट आई है. पिछले साल की तुलना में कारों की बिक्री में देश भर में बड़ी गिरावट आई.
भारत की ऑटो इंडस्ट्री अभी संकट के दौर से गुज़र रही है और इसका असर अर्थव्यवस्था पर पड़ना तय है. पिछले कुछ सालों से भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज़ी से बढ़ रही थी. वहीं अब भारत की आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट आई है.
अब भारत की अर्थव्यवस्था पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं कि क्या भारत की अर्थव्यवस्था को दुनिया में सबसे तेज़ गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था कहना सही है. और ये सवाल भारत की अहम संस्थाओं में काम कर चुके लोगों की तरफ़ से उठाए जा रहे हैं.