भारत में कृषि की प्रयोग में लाई जाने वाली विधियों के अनुसार वर्गीकृत कीजिए।
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भारत में उत्पन्न होने वाली कृषि फसलों को उपयोग और उनकी विधि के आधार पर उनका वर्गीकरण इस प्रकार किया गया है...
खाद्यान्न फसलें — ऐसी फसलें जिनका उपयोग खाद्य के रूप अर्थात भोजन के रूप में किया जाता है, उन्हें खाद्यान्न फसलें कहते हैं। सब तरह के अनाज खाद्यान्न फसलें ही होते हैं। इन फसलों में गेहूं, चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा आदि फसलें प्रमुख हैं।
व्यवसायिक फसलें — ऐसी फसलें जिनका उपयोग व्यवसायिक कार्यों के लिए किया जाता है। इनको तरह-तरह के उद्योगों में कच्चे माल के रूप में प्रयोग किया जाता है, इस तरह की फसलों को व्यवसायिक फसलें कहते हैं। इनमें गन्ना, कपास, झूठ, तिलहन आदि फसलें प्रमुख है।
बागानी फसलें —इस तरह की फसलों को विशाल बागानों में उत्पादित किया जाता है तथा इन्हें पेय पदार्थों तथा अन्य व्यवसायिक कार्यों में उपयोग में लाया जाता है, इन्हें बागानी फसलें कहते हैं। जैसे चाय, कॉफी, रबर आदि।
उद्यान फसलें — इस तरह की फसलों में फल व सब्जियां शामिल होते हैं। फलों व सब्जियों की पूर्ति की जाती है। इस तरह की फसलें अल्प समय में तैयार होने फसलें वाली होती है।