Social Sciences, asked by radhika750399, 2 months ago

भारत में क्षेत्रीय दलों के उभारने संवाद एवं लोकतंत्र को मजबूर किया है क्या आप इस कथन से सहमत है व्याख्या कीजिए​

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Answered by Anonymous
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Answer:

भारत में समय-समय पर अलग-अलग क्षेत्रीय पार्टियों का गठन होता रहा है और ये देश के संसदीय लोकतंत्र में अपनी भूमिका निभाती रही हैं। शिरोमणि अकाली दल और जम्मू एंड कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस जैसी कुछ पार्टियां तो 1947 में देश के आजाद होने से भी पहले गठित हो गई थीं। लेकिन ज्यादातर दूसरी क्षेत्रीय पार्टियां देश के आजाद होने के बाद ही गठित हुई हैं।

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