भारत में महिलाओं के कल्या से संबंधित दो निर्देशांक सिध्दांत लिखिए
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महिला तथा बाल विकास विभाग की स्थापना वर्ष 1985 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक अंग के रूप में की गई थी। उद्देश्य महिला तथा बच्चों के समग्र विकास को बढ़ावा देना था। 30 जनवरी 2006 से इस विभाग को मंत्रालय का दर्जा दे दिया गया है। इस मंत्रालय का मुख्य उद्देश्य है महिला तथा बच्चों के समग्र विकास को बढ़ावा देना।
इस मंत्रालय का मुख्य उद्देश्य है महिला तथा बच्चों के समग्र विकास को बढ़ावा देना था। महिला तथा बच्चों की उन्नति के लिए एक नोडल मंत्रालय के रूप में यह मंत्रालय योजना, नीतियां तथा कार्यक्रम का निर्माण करता है; कानून को लागू करता है, उसमें सुधार लाता है और महिला तथा बाल विकास के क्षेत्र में कार्य करने वाले सरकारी तथा गैर सरकारी संगठनों को दिशा-निर्देश देता है व उनके बीच तालमेल स्थापित करता है। इसके अलावा अपनी नोडल भूमिका निभाकर यह मंत्रालय महिला तथा बच्चों के लिए कुछ अनोखे कार्यक्रम चलाता है। ये कार्यक्रम कल्याण व सहायक सेवाओं, रोजगार के लिए प्रशिक्षण व आय सृजन एवं लैंगिक सुग्राहता को बढ़ावा देते हैं। ये कार्यक्रम स्वास्थ्य, शिक्षा व ग्रामीण विकास इत्यादि के अन्य क्षेत्रों में भी एक पूरक व संपूरक भूमिका निभाते हैं। ये सभी प्रयास यह सुनिश्चित किए जा रहे हैं कि महिला को आर्थिक व सामाजिक दोनों रूप से सशक्त बनाया जाए और इस प्रकार उन्हें पुरुष के साथ राष्ट्र विकास में बराबर की भागीदार बनाया जाए।