भारत में पाई जाने वाली प्रमुख वनस्पति और वन्य प्राणी की साहित्य विस्तृत व्याख्या कीजिए
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भारत में उष्ण से अतिशीतल जलवायु स्थिति के व्यापक क्षेत्र के साथ एक प्रचुर और विभिन्न प्रकार की वनस्पति है, जो इसके तुलनीय आकार के केवल कुछ देशों में ही है। भारत को आठ अलग-अलग वनस्पति क्षेत्रों में बाँटा जा सकता है, जैसे पश्चिमी हिमाचल, पूर्वी हिमाचल, असम, सिंधु नदी का मैदानी क्षेत्र, डेक्कन, गंगा का मैदानी क्षेत्र, मालाबार और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह।
पश्चिमी हिमाचल क्षेत्र कश्मीर के कुमाँऊ तक फैला हुआ है। इसका संतुलित क्षेत्र चीड़, पाइन, अन्य कोनिफर और चौड़े पत्तों वाले संतुलित वृक्षों के जंगलों से भरा पड़ा है। ऊँचाई पर देवदार, ब्लू पाइन, स्प्रूस और सिल्वर फर के वन हैं। अल्पाइन क्षेत्र संतुलित क्षेत्र 4,750 मीटर अथवा इससे अधिक ऊँचाई की ऊपरी सीमा से फैला हुआ था। इस क्षेत्र के विशेष पेडों में उच्च स्तर का सिल्वर फर, सिल्वर बर्च और जूनियर हैं। पूर्वी हिमाचल क्षेत्र सिक्किम पूर्व की ओर फैला हुआ है और दार्जिलिंग, कुर सियोगो और सटे हुए भूभाग से मिला हुआ है। सन्तुलित क्षेत्र में ओक, लॉरेल, मैपल, रोडोडेन्ड्रॉन, ऑल्डर और बर्च के वन है। कई कोनिफर, युनिपर और छोटे विलो भी यहां पाए जाते हैं। असम क्षेत्र के अंतर्गत सदाबहार वन, बांस की अनियत घनी झाडियाँ और लंबी लंबी घास के साथ ब्रहमपुत्र और सूरमा घाटियाँ आती है। सिंधु नदी के मैदानी क्षेत्र में पंजाब का मैदानी क्षेत्र, पश्चिमी राजस्थान और उत्तरी गुजरात इस शुष्क और गर्म क्षेत्र और प्राकृतिक वनस्पति का पोषक है। गंगा के मैदानी क्षेत्र में वह क्षेत्र आता है जो जलोढ़ मैदान है और जिसमें गेहूँ, गन्ना और चावल की खेती होती है। केवल छोटे क्षेत्रों में व्यापक रूप से विभिन्न प्रकार के वन होते हैं। डेक्कन क्षेत्र में भारतीय प्रायद्वीप का समग्र पठार और विभिन्न प्रकार प्रकार की वनस्पति, झाड़ीदार वन से लेकर मिश्रित अस्थायी वन, आती है।
Explanation:
तुलसी अश्वगंधा शतावरी चंदन इत्यादी औषधी वनस्पती है