भारत में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक सामाजिक गतिशीलता की स्थिति पर प्रकाश डालिए
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भारत में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक सामाजिक गतिशीलता की स्थिति
Explanation:
- व्यक्तियों, परिवारों या अन्य श्रेणी के लोगों का समाज के एक वर्ग से दूसरे वर्ग में गति सामाजिक गतिशीलता कहलाती है।
- इस गति के परिणामस्वरूप उस समाज में उस व्यक्ति या परिवार की दूसरों के सापेक्ष सामाजिक स्थिति (स्टैटस) बदल जाता है।
- सामाजिक गतिशीलता से अभिप्राय व्यक्ति का एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचने से होता है।
- जब एक स्थान से व्यक्ति दूसरे स्थान को जाता है तो उसे हम साधारणतया आम बोलचाल की भाषा में गतिशील होने की क्रिया मानते हैं।
- परंतु इस प्रकार की गतिशीलता का कोई महत्व समाजशास्त्रीय अध्ययन में नहीं है।
- पिछले 50 साल में गतिशीलता के दर में ज्यादा वृद्धि हुई है।
- मजदूर वर्ग की स्थिति में मध्यम तथा उच्च स्थिति में काफी परिवर्त्तन आया है।
- उच्च स्थान तथा मध्यम स्तर पर गतिशीलता में ज्यादा लचीलापन देखने में आया है।
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