भारत में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक सामाजिक गतिशीलता की स्थिति एवं प्रकाश डालिए
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प्राचीन काल में ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र जैसे सभी चार वर्गीकरणों में सामाजिक गतिशीलता संभव थी। आधुनिक समय में सामाजिक गतिशीलता अधिक उदार है और जाति व्यवस्था से बंधी नहीं है। शिक्षा तक पहुंच, इस प्रकार साक्षरता स्तर और सामाजिक आर्थिक स्थिति को बढ़ाना। रोजगार तक पहुंच, जिससे उत्पादकता में सुधार हुआ है।
Explanation:
सामाजिक गतिशीलता की विशेषताएं (samajik gatishilta ki visheshta)
सामाजिक गतिशीलता व्यक्तियों या समूहों के निजी प्रयास पर ही आधारित नही है अर्थात् यह सामाजिक संरचना का भी फल है क्योंकि सामाजिक संरचना ही ऐसे अवसर प्रदान कर सकती है जहाँ गतिशीलता हो सके। ...
सामाजिक गतिशीलता राजनीति से भी संबंधित है।
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