भारत में राष्ट्र निर्माण के मार्ग में कोई से दो वाधक तत्व लिखिए
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भाषावाद
किसी देश में विभिन्न भाषा-भाषी लोगों का निवास उस देश में राष्ट्रीयता की भावना के विकास में बाधक तत्व है, क्येांकि भारत जैसे देश में जब प्रदेशों का बंटवारा भाषा के आधार पर हुआ तब लोगों की निष्ठा अपने भाषा के प्रति अधिक बढ़ी और फलस्वरूप राष्ट्र को एकता के सूत्र में बांधने वाली ‘हिन्दी भाषा’ जो कि राष्ट्र भाषा भी हैं, वह आज उपेक्षित है, और अधिकांश लोगों द्वारा प्रयोग में नही लायी जा रही है। अब तो यहां तक देखने में आता है, कि अहिन्दी भाषा राज्य हिन्दी का विरोध कर बंटे हुये है।
क्षेत्रीयता
जब राष्ट्र अनके राज्यों में बंटा होता है, तब सम्पूर्ण राष्ट्र पहले क्षेत्रीयता के आधार पर बट जाता है। किसी भी देश में राष्ट्र , राष्ट्रीयता की भावना के विकास में क्षेत्रीय कट्टरता भी एक बाधक तत्व है। क्षेत्रीयता का भारत जैसे देश में प्रभाव पर डॉ0 सम्पूर्णानन्दन ने टिप्पणी करते हुये लिखा कि- ‘‘आज दक्षिण भारत के लोगों के मुॅह से सुनने में आती है, कि हम हिन्दुस्तान से अलग होना चाहते हैं, पर जो धनाढ्य हैं वे सोचते है कि क्या अपने आजादी व सम्पत्ति की रक्षा कर सकेंगे। क्या तमिलनाडू वाले अलग होकर अपनी अधिक रक्षा कर सकते हैं। वह ऐसा करके अपने को भी डुबोयेंगे और दूसरों को भी ले डूबेंगे। इसलिये ऐसा सेचना बड़ी भयानक चीज है।’’’