History, asked by surajkumaratka5, 1 year ago

भारत में राष्ट्रीय चेतना का उदय

Answers

Answered by ishanchand43521
0

Explanation:

भारतीय वाङ्गमय में ‘राष्ट्र’ शब्द का प्रयोग वैदिक काल से ही होता रहा है। यजुर्वेद के ‘राष्ट्र में देहि’ और अथर्वेद के ‘त्वा राष्ट्र भृत्याय’ में राष्ट्र शब्द समाज के अर्थ में प्रयुक्त हुआ है। मानव की सहज सामुदायिक भावना ने समूह को जन्म दिया, जो कालान्तर में राष्ट्र के रूप में स्थापित हुआ। राष्ट्र एक समुच्चय है, कुलक है और राष्ट्रीयता एक विशिष्ट-भावना है। जिस जन समुदाय में एकता की एक सहज लहर हो, उसे राष्ट्र कहते हैं। आर्यों की भूमि आर्यावर्त में एक वाह्य एकता के ही नहीं वैचारिक एकता के भी प्रमाण मिलते हैं। आर्यों की परस्पर सहयोग तथा संस्कारित सहानुभूति की भावना राष्ट्रीय संचेतना का प्रतिफल है। साहित्य का मनुष्य से शाश्वत संबंध है। साहित्य सामुदायिक विकास में सहायक होता है और सामुदायिक भावना राष्ट्रीय चेतना का अंग है।

Similar questions