भारत में राष्ट्रीय सम्वत् से रूप में किस सम्वत् को मान्यता प्रदान की गई है?
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1957 में भारत सरकार ने इसे देश के राष्ट्रीय पंचांग के रूप में मान्यता प्रदान की थी। इसीलिए राजपत्र (गजट) , आकाशवाणी और सरकारी कैलेंडरों में ग्रेगेरियन कैलेंडर के साथ इसका भी प्रयोग किया जाता है। शक संवत को शालिवाहन संवत भी कहा जाता है और इसका आधार सौर गणना है। इसमें महीनों का नामकरण विक्रमी संवत के अनुरूप ही किया गया है , लेकिन उनके दिनों का पुनर्निर्धारण किया गया है। इसके प्रथम माह (चैत्र) में 30 दिन हैं , जो अंग्रेजी लीप ईयर में 31 दिन हो जाते हैं। वैशाख , ज्येष्ठ , आषाढ़ , श्रावण एवं भाद्रपद में 31-31 दिन एवं शेष 6 मास में यानी आश्विन , कार्तिक , मार्गशीर्ष , पौष , माघ तथा फाल्गुन में 30-30 दिन होते हैं। ईसा पूर्व प्रथम शताब्दी में उत्तर-पश्चिम भारत में यूनानी राज्य का अंत हो गया तथा उसके स्थान पर शक नामक एक अन्य विदेशी जाति ने अपना आधिपत्य स्थापित कर लिया। शक , जिन्हें भारतीय स्त्रोतों में सीथियन भी कहा गया जाता है , मध्य एशिया में रहने वाले कबाइली जनजाति के लोग थे , जो कि 165 वर्ष ईसा पूर्व यू-ची नामक कबीले द्वारा अपने मूल स्थान से खदेड़ दिए जाने पर बैक्ट्रिया एवं पार्थिया क्षेत्रों से होते हुए बोलन दर्रे से होकर भारत में आए थे। शक जातियों ने ईसा पूर्व पहली शताब्दी से ईसा बाद की चौथी शताब्दी तक भिन्न-भिन्न क्षेत्रों पर राज किया। शक शासन मोटे तौर पर ईरान की एकेमेनिड एवं सूल्यूसिड शासन प्रणालियों जैसा था। पूरा राज्य अनेक छोटे-छोटे प्रांतों में विभक्त होता था , प्रत्येक प्रांत का राज्यपाल एक सैनिक होता था , जिसे महाक्षत्रप कहते थे। शक शासक महाराजा एवं राजाधिराज जैसी गौरवपूर्ण उपाधियां धारण करते थे। बाद में शकों को कुषाण भी कहा जाने लगा। कुजूल कैडफाइसिस , जिसे कैडफाइसिस प्रथम कहा जाता है , पहले बड़ा शक शासक था। उसके बाद उसका पुत्र विम कैडफाइसिस (कैडफाइसिस द्वितीय) राजगद्दी पर बैठा।
Explanation:
In 1957, the Government of India recognized it as the national almanac of the country. That is why it is also used with the Gregorian calendar in the Gazette (Gazette), All India Radio and government calendars. Shaka Samvat is also called Shalivahana Samvat and its basis is solar calculation. The months have been named after the Vikram Samvat, but their days have been rescheduled. Its first month (Chaitra) has 30 days, which becomes 31 days in the English leap year. In Vaishakh, Jyeshtha, Ashadh, Shravan and Bhadrapada, there are 31-31 days and in the remaining 6 months i.e. in Ashwin, Kartik, Margashirsha, Pausha, Magha and Phalgun 30-30 days. In the first century BC, the Greek kingdom in northwest India came to an end and in its place another foreign race called the Shakas established their suzerainty. The Shakas, also known as the Scythians in Indian sources, were people from a tribal tribe living in Central Asia who would have been from the Bactria and Parthia regions when they were driven from their native place by a clan called Yu-chi in 165 BC Hu came to India via Bolan Pass. The Shaka castes ruled different regions from the first century BCE to the fourth century BCE. The Saka regime was broadly similar to the Achaemenid and Sulucid governance systems of Iran. The entire state was divided into many small provinces, the governor of each province was a soldier, who was called Mahakshatrap. Shaka rulers used to hold glorious titles like Maharaja and Rajadhiraja. Later Shakas also came to be called Kushans. Kujul Cadficis, called Cadficis I, was the first great Saka ruler. Then his son Vim Cadficis (Cadficis II) ascended the throne.