Social Sciences, asked by anupamashah23, 5 months ago

भारत में राष्ट्रवाद का उदय के कारण pointwise​

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Answered by bhartiyadav880022
6

Answer:

अंग्रेजों की पक्षपातपूर्ण आर्थिक तथा राजस्व नीति की प्रतिक्रिया के रूप में आर्थिक राष्ट्रवाद का उदय हुआ.

-भारतीय पुनर्जागरण

-पाश्चात्य शिक्षा एवं चिन्तन

-प्रेस तथा समाचार-पत्रों की भूमिका

-समकालीन यूरोपीय आन्दोलनों का प्रभाव

-तात्कालिक कारण

Answered by pk9070747
3

Answer:

. इस ऐक्ट ने सरकार को राजनैतिक गतिविधियों को कुचलने के लिये असीम शक्ति दे दी थी। इस ऐक्ट के मुताबिक बिना ट्रायल के ही राजनैतिक कैदियों को दो साल तक के लिये बंदी बनाया जा सकता था। रॉलैट ऐक्ट के विरोध में गांधीजी ने 6 अप्रैल 1919 को राष्ट्रव्यापी आंदोलन की शुरुआत की।

प्रेस ने राष्ट्रीय चेतना के उदय में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसने लोगों को राजनीतिक शिक्षा प्रदान दी। आर्थिक एवं राजनीतिक विचारों का प्रचार किया। ... देशभक्तिपूर्ण साहित्य ने राष्ट्रीय चेतना को जागृत करने में प्रमुख भूमिका निभाई।

उपनिवेशवाद विरोधी आंदोलन ने लोगों एक ऐसा माध्यम दिया जिससे विविध प्रकार के लोग एकता के सूत्र में बंध पाये। इसलिए हम कह सकते हैं कि उपनिवेशों में राष्ट्रवाद के उदय की प्रक्रिया उपनिवेशवाद विरोधी आंदोलन से जुड़ी हुई थी

बाल गंगाधर तिलक (या लोकमान्य तिलक) को भारतीय राष्ट्रवाद का जनक कहा जाता है क्योंकि वे 1890 के आसपास राष्ट्रवाद के विचार को शुरू करने वाले पहले भारतीय थे।

उपनिवेशों में राष्ट्रवाद के उदय की प्रक्रिया निश्चित रूप से उपनिवेशवाद विरोधी आंदोलन से जुड़ी हुई थी। औपनिवेशिक शासकों के विरुद्ध संघर्ष के दौरान लोग अपनी एकता को बचाने लगे थे उनका समान रूप से उत्पीड़न और दमन हुआ था। ... उनकी इस भावना ने भी राष्ट्रवाद के उदय में सहायता पहुंचाई।

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