भारत में ऋण के ओपचारिक तथा अनौपचारिक सत्रोतो की व्याख्या कीजिए
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मुद्रा और साख हमें भारत में ऋण के औपचारिक स्रोतों को बढ़ाने की क्यों जरूरत है? (i) अनौपचारिक स्रोतों पर निर्भरता को कम करने के लिए क्योंकि इनमे में उच्च ब्याज दर होती है और कर्ज़दार को ज्यादा लाभ नहीं मिलता है। ... जिस व्यक्ति के पास मुद्रा है, वह इसका विनिमय किसी भी वस्तु या सेवा खरीदने के लिए आसानी से कर सकता है।
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