Hindi, asked by tc3682, 5 hours ago

भारत में ऋतुओं से सबंध रखने वाले त्योहारों की कमी नहीं है। वसंत
पंचमी, होली, भाताण तीज, शरद पूर्णिमा, लोहड़ी, गोगल, बैसाखी
आदि त्योहार विसी-न-किसी रूप में सारे देश में मनाए जाते हैं कि
इनका संबंध विशेष मातही है। वसंत पंचमी और होली वासंती
रंग और मस्ती के त्योहार भाषण तीज मस्ती के प्रतिक झुलों का
त्योहार है। शरद पूर्णिमा वर्षा ऋतु के बाद वायुमडन और वातावरण
की निर्मलता का संदेश देने वाला त्योहार है। लोहडी और पागल शीत-
मातु की भरपूरता में मनाए जाने वाले त्योहार है। इसमें रेवड़ी,
मुंगफली, तिल-गुड, मी खिगाडी आदि खाने की परपरा है. तारतनगे
यह सारदी से बचाव और स्वारस्य सुधार का उमान
बानिया-आध्यात्मिक बाल कथाएं और पर पराएं भी इनके साथ जुड
गई है। साथ है।ईसनाने और भानु-परिवर्तन की सूचना
देने वाला रहा है, जो पजाब-हरियाणा से कृषि-प्रधान माना ।
शव जज न लगनगगन को मारनी के कान मानाया जाता है।
उनलोड साहातावास की युभा रा दिल नहाताडा रहार के सहार
मागास है। गन्न बोनाप काहानाद नाम ले मनमा रहा करना है।
यपि कुछ
HER​

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Answered by Anonymous
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what is your question I don't understand

between can u be my friend I am Thalia from Ottawa please

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