Social Sciences, asked by atulkumar987137, 6 months ago

भारत में संघीय व्यवस्था में केंद्र ज्यादा मजबूत है इस कथन को उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए ​

Answers

Answered by thankyebo12
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Answer:

केंद्र सरकार भारत की किसी भी राज्य सरकार से अधिक शक्तिशाली है क्योंकि यह पूरे देश द्वारा चुनी जाती है। इसके पास राज्यों के राज्यपाल को नियुक्त करने की शक्ति है और साथ ही यह भारत की न्यायिक प्रणाली में विभिन्न CJI और अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति में बड़े बदलाव कर सकता है।

Explanation:

शक्तियों का विभाजन केंद्र के पक्ष में है और संघीय कोण से अत्यधिक असमान है। चूंकि संघ सूची में राज्य सूची की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण विषय (जैसे रक्षा, मुद्रा, बाहरी मामले, नागरिकता, रेलवे) शामिल हैं, केंद्र के पास समवर्ती सूची पर अधिकार है और केंद्र के पास अवशिष्ट शक्तियां भी छोड़ दी गई हैं।

भारत का संविधान सरकार की एक संघीय प्रणाली स्थापित करता है क्योंकि इसमें महासंघ, अर्थात, दोहरे प्रशासन, शक्तियों का विभाजन, लिखित संविधान, संविधान की सर्वोच्चता, संविधान की कठोरता, स्वतंत्र न्यायपालिका और द्विसदनीयता की सभी सामान्य विशेषताएं समाहित हैं।

हालांकि, भारतीय संविधान में बड़ी संख्या में एकात्मक या गैर-संघीय विशेषताएं शामिल हैं। इसके अलावा, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 1 में भारत को 'राज्यों का संघ' बताया गया है।

उममीद है कि इससे मदद मिलेगी

Answered by shishir303
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भारत में शक्ति का विभाजन अधिकतर केंद्र के पक्ष में है। यहाँ पर इकहरी नागरिकता ही है तथा एकीकृत न्याय प्रणाली विकसित है। भारत के सभी राज्यों के लिए एक ही संविधान है। किसी भी राज्य का अपना अलग झंडा या संविधान नहीं है। भारत के सभी राज्यपालों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। हालांकि भारत के राज्यों के लिये अलग स्वतंत्र चुनाव प्रणाली होती है लेकिन राज्यपाल के माध्यम से केंद्र राज्यों पर नियंत्रण स्थापित करता है। बहुत से आर्थिक मामलों में भी राज्य केंद्र पर निर्भर रहते हैं। भारत के सभी मूलभूत विषयों में एकरूपता है और भारत की संसद राज्यों के सीमा परिवर्तन व राज्यों के पुनर्गठन आदि के लिए सक्षम है। यह सब बातें सिद्ध करती है कि भारत में राज्यों के अपेक्षा केंद्र अधिक मजबूत है और यह भारत की एकता और अखंडता के लिए बिल्कुल सही व्यवस्था भी है।  

भारत की संघीय व्यवस्था में केंद्र ज्यादा मजबूत है, इस बात को भारत के संविधान निर्माताओं ने भारत की संविधान की रचना करते समय महसूस किया था। जब भारत के संविधान निर्माता भारत के संविधान का निर्माण कर रहे थे तो उन्होंने भारत के पूर्व इतिहास पर गौर किया और पाया कि केंद्रीय सत्ता कमजोर रहने पर भारत की अखंडता खंडित होती रही है। इसलिए भारत को एक सूत्र में पिरो कर रखने के लिए केंद्रीय सत्ता को अधिक मजबूत रखना पड़ेगा। यद्यपि भारत में त्रिस्तरीय संघीय व्यवस्था कायम है, परंतु इसमें राज्यों की अपेक्षा केंद्र को अधिक अधिकार प्रदान किए गए हैं, क्योंकि भारत एक बेहद विशाल और विविधता पूर्ण विभिन्न भाषायी देश है। ऐसी स्थिति में राज्यों को बहुत ज्यादा अधिकार दे देने का अर्थ भारत की अखंडता को चुनौती देने की संभावना पैदा करना भी हो सकता था। इसलिए राज्यों को निरंकुश होने से बचाने के लिए तथा देश अखंडता किसी भी तरह के खतरे की संभावना से बचने के लिए केंद्र को अधिक अधिकार प्रदान किए गए हैं।  

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