Social Sciences, asked by khushboo1247sahu, 4 months ago

भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान के महत्व को हमेशा बढ़ावा दिया गया है , तथ्यों के साथ इसका समर्थन करे​

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Answered by srajaldeepshukla
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भारत एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्रीय गणराज्‍य है। लोकतंत्र, हमारे लिए 'हम भारत के लोग' की अवधारणा से निर्मित संविधान में स्‍थापित सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक सौहार्द के ताने-बाने में, रचा-बसा है। संविधान में परिकल्पित लोकतंत्र की अवधारणा में संसद और राज्‍य विधान सभाओं में निर्वाचन के माध्‍यम से लोगों के प्रतिनि‍धित्‍व की व्‍यवस्‍था की गई है। उच्‍चतम न्‍यायालय ने अभिनिर्धारित किया है कि लोकतंत्र भारत के संविधान की एक अभिन्‍न मूल विशेषता है और यह इसकी मूल संरचना का भाग है। भारत के संविधान ने संसदीय शासन प्रणाली को अंगीकृत किया है। संसद में भारत के राष्‍ट्रपति एवं दो सदन - राज्‍य सभा और लोक सभा आते हैं। राज्‍यों का संघ होने के नाते, भारत के प्रत्‍येक राज्‍य में अलग-अलग राज्‍य विधायिकाएं होती हैं। राज्‍य विधायिकाओं में राज्‍यपाल और दो सदन - विधान परिषद एवं विधान सभा शामिल हैं। सात राज्‍यों नामत: आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, जम्‍मू एवं कश्‍मीर, कर्नाटक, महाराष्‍ट्र और उत्तर प्रदेश में द्विसदनात्‍मक व्‍यवस्‍था है और शेष 22 राज्‍यों में राज्‍यपाल और राज्‍य विधान सभा की व्‍यवस्‍था विद्यमान है। उपर्युक्‍त के अलावा, सात संघ राज्‍य क्षेत्रों में से दो राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्रों नामत: दिल्‍ली और पुदुचेरी की अपनी विधान सभाएं हैं।

Answered by suhaninayal
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भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान के महत्व को हमेशा बढ़ावा दिया गया है , तथ्यों के साथ इसका समर्थन करे

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