भारत में समावेशी विकास की अवधारणा। Inclusive Development in Hindi
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समावेशी विकास का आशय ऐसे आर्थिक विकास से है जिसमें विकास का लाभ समाज के सबसे कमजोर वर्ग को मिलता है। इस प्रकार समावेशी विकास में ऐसे लोगों को शामिल किया जाता है जो अब तक विकास की प्रक्रिया में छूट गये थे या पीछे रह गए थे। विश्व बैंक द्वारा प्रकाशित इंडिया डेवलपमेंट रिपोर्ट 2006 में कहा गया है कि विकास की प्रक्रिया आर्थिक क्रियाओं के योग का मात्र माप नहीं है। बल्कि आर्थिक विकास के समावेशी स्वरूप का मूल्यांकन है जिसमें आर्थिक लाभों के वितरण पर ही ध्यान नहीं दिया जाता बल्कि सुरक्षा, सशक्तिकरण, विकास में पूर्ण सहभागिता, जैसे कारकों पर भी ध्यान दिया जाता है। सामान्यता किसी विकास को समावेशी विकास तब माना जाता है जब विकास के साथ-साथ सामाजिक अवसरों का भी समान वितरण हो ऐसे। समावेशी विकास के प्राय: दो लक्षण बताए जाते हैं:
(1) सेवाओं के वितरण तथा अवसर की उपलब्धता में समानता।
(2) विकास के द्वारा प्रत्येक व्यक्ति की सशक्तिकरण।
भारत में समावेशी विकास की अवधारणा। Inclusive Development in Hindi
❱ समावेशी विकास का आशय ऐसे आर्थिक विकास से है जिसमें विकास का लाभ समाज के सबसे कमजोर वर्ग को मिलता है। इस प्रकार समावेशी विकास में ऐसे लोगों को शामिल किया