भारत में सत्ता की साझेदारी के कौन-कौन से रूप बनाए जाते हैं उदाहरणों के माध्यम से स्पष्ट कीजिए
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१. लोकतंत्र में शासन के विभिन्न अंगो के बीच सत्ता का बँटवारा होता है।
उदाहरण ; विधायिका, कार्यपालिका और न्यापालिका के बीच सत्ता का बँटवारा। इस प्रकार के बँटवारे में सत्ता के विभिन्न अंग एक ही स्तर पर रहकर अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हैं। इसलिए इस प्रकार के बँटवारे को क्षैतिज बँटवारा कहते हैं ।
२.शासन के विभिन्न अंगो के बीच सत्ता के बँटवारे से यह सुनिश्चित हो जाता है कि शासन के किसी भी अंग के पास असीमित शक्ति ना हो। यह विभिन्न संस्थानों के बीच शक्ति के संतुलन को सुनिश्चित करता है।
३.कार्यपालिका सत्ता का उपयोग करती है लेकिन वह संसद के अधीन होती है। संसद को कानून बनाने का अधिकार प्राप्त होता है लेकिन उसे जनता को जवाब देना होता है। न्यायपालिका इन दोनों से स्वतंत्र होती है। न्यायपालिका का काम होता है यह देखना कि विधायिका और कार्यपालिका सभी नियमों का सही ढंग से पालन कर रहे ह हैं या नहीं ।